जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व भोपाल रियासत के मर्जर एग्रीमेंट की विवादित भूमि के मामले में राज्य शासन व कलेक्टर भोपाल को 28 जनवरी तक हर हाल में जवाब पेश करने कहा है। मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस संजय यादव की डिवीजन बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यह अंतिम मोहलत है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान जनहित याचिकाकर्ता क्रियेशन एंड प्रोजेक्शन डॉटकॉम के संचालक अमिताभ अग्निहोत्री की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 22 सितम्बर 2015 को हाईकोर्ट ने कलेक्टर भोपाल को हाईकोर्ट द्वारा जारी पूर्व आदेश के परिपालन में 2011 से शुरु की गई कार्रवाई की स्थिति बताने 4 सप्ताह का समय दिया था। 27 अक्टूबर और 26 नवंबर 2015 की सुनवाइयों तक कलेक्टर भोपाल या राज्य शासन की ओर से इस संबंध में कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। वहीं सैफ अली खान के परिवार के अन्य सदस्यों को केस में शामिल न करने से भी आपत्ति उठ रही है।
अरबों के भूमि घोटाले से उठेगा पर्दा
बहस के दौरान बताया गया कि हाईकोर्ट के 16 जनवरी 2002 के आदेश के पालन में राज्य की तत्कालीन प्रमुख सचिव राजस्व माला श्रीवास्तव द्वारा हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के आधार पर ठोस कार्रवाई नदारद है। यदि यह स्पष्ट हो जाए कि भोपाल के नवाब परिवार के पास कितनी शासकीय भूमि रही है, तो अरबों के भूमि घोटाले से पर्दा उठना तय है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व भोपाल रियासत में सीहोर व रायसेन जिले भी शामिल थे। ऐसे में निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए जमींदारी उन्मूलन अधिनियम-1953 के अंतर्गत भोपाल की अधिग्रहित भूमियों की जांच आवश्यक है। साथ ही मर्जर एग्रीमेंट की मूल कॉपी भी हाईकोर्ट में पेश होनी चाहिए।
...सैफ अली खान सहित अन्य पक्षकार
इस मामले में राज्य शासन, संभागायुक्त भोपाल, कलेक्टर भोपाल, कलेक्टर रायसेन, कलेक्टर सीहोर, नवाब खानदान के वारिस सैफ अली खान और एसपी सीबीआई को पक्षकार बनाया गया है। जबकि फिल्म स्टार सैफ अली खान के परिवार के अन्य सदस्यों को शामिल न किए जाने के रवैये पर जवाब मांगा गया है। इसके अलावा पूर्व आदेश के पालन में राज्य शासन व भोपाल कलेक्टर द्वारा स्टेटस रिपोर्ट पेश न किए जाने के सिलसिले में 28 जनवरी तक की मोहलत दे दी गई है। यह पांचवी बार है जब राज्य व भोपाल कलेक्टर को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने समय दिया गया।