
अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोनीपत जिले के रड़ाधना गांव में कुछ सालों पहले दूसरे गांवों की तरह था, जहां कच्ची सड़कों पर बैलगाड़ी चलती थी, लेकिन उन सड़कों पर अब आलीशान गाडिय़ां दौड़ती हैं। सड़कों पर दौड़ती स्कोडा, होंडा, एन्डीवर्स और दूसरी आलीशान गाडिय़ां किसी और की नहीं बल्कि गांव में रहने वाले लोगों की हैं। यही नहीं, कच्चे मकानों की जगह आज वहां आलीशान एयरकंडीशन्ड बंगले आपको नजर आएंगे।
अब यह गांव एक मिसाल बन गया है। रड़ाधना गांव आज एक ब्रैंड बन गया है। आसपास के बाजारों में, बड़ी-बड़ी मार्केट्स में इस गांव के लोग जहां भी जाते है उनकी अच्छी आवभगत होती है। पहले इस गांव के ज्यादातर लोग धोती-कुर्ता पहनते हुए दिखाई देते थे लेकिन आज समय बिल्कुल बदल गया है। यहां के लोग अब किसी भी तरह शहरी वर्ग से कम नजर नहीं आते, जो ब्रैंडेड कपड़े पहनते हैं और ब्रैंडेड शोरूम्स में शॉपिंग करते हैं।
दरअसल, यहां के लोगों के लिए जमीन सोने हो गई है। दिल्ली में आसमान छूते जमीन के दाम इसकी खास वजह हो गई है। यहां के लोग बताते है कि साल 2005 में प्रॉपर्टी डेवलपर्स पहली बार यहां आए, तो उन्होंने किसानों को भारी-भरकम पैसा देकर जमीन खरीदना शुरू किया। शुरुआत में प्रॉपर्टी डेवलपर्स ने से 1 एकड़ जमीन का सौदा 20 लाख रुपए में किया। इसके बाद तो गांव में पैसा बरसने लग गया।
जिन किसानों ने कभी 1 लाख रुपया नहीं देखा था, अचानक उन्हें अपनी जमीन के 50 लाख रुपए दाम मिल गए। अब आज के समय में हालात यह हैं कि एक एकड़ जमीन की कीमत करीब 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की है। यहां जमीन के दाम दिन-ब-दिन इसलिए भी बढ़ रहे हैं क्योंकि यह गांव जी.टी. रोड से मात्र 2 किलोमीटर दूर है।
गांव में करीब 1,400 परिवार के कुल मिलाकर 7 हजार लोग रहते हैं। गांव में रहने वाले 200 परिवार पिछड़ी जातियों के जिनके पास जमीन नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि हर परिवार के पास लगभग 1 करोड़ रुपए की संपत्ति है।