
इसके पहले दोपहर 1 बजे सभी अतिथि शिक्षक तहसील कार्यालय में एकत्रित हुए। जहां से एक रैली के रूप में घंटाघर से होकर कलेक्टोरेट तक पैदल मार्च किया। इस दौरान अतिथियों शिक्षक कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग पर अड़ गए लेकिन पता चला कि कलेक्टर कहीं गए हैं, जो 15 मिनट में आए जाएंगे। यह सुनकर सैकड़ों अतिथि कलेक्टोरेट के बाहर जमीन पर बैठ गए। करीब तीन किमी पैदल चलकर आए अतिथि शिक्षक धूप में बैठे-बैठे प्यास से बेहाल हो उठे। सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान नजर आईं। 1.45 बजे से बैठे अतिथि शिक्षक सवा 2.15 बजे तक कलेक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन बाद में पता चला कि कलेक्टर को आने में और अधिक समय लग जाएगा, जिसके बाद संयुक्त कलेक्टर नंदा भलावे ने अतिथियों के बीच आकर ज्ञापन लिया।
पांच दिन का अल्टीमेटम
अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रीतेश अग्रवाल ने बताया कि अतिथि शिक्षक कई साल से शासकीय स्कूलों में पूर्ण निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं, इसके बावजूद भी उनकी एक सूत्रीय मांग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि 5 दिनों तक शासन द्वारा अतिथि शिक्षकों को गुरूजी की तरह संविदा शिक्षक नहीं बनाया गया तो सभी जिलों के अतिथि शिक्षक एक साथ पैदल मार्च कर भोपाल की ओर रवाना होंगे। इस अवसर पर राजेश राठौर, अमरीश मिश्रा, धर्मेन्द्र सेन, राजकुमार चौरसिया, दीपक राज, महेंद्र जैन, सोने सिंह, विजय ताम्रकार, प्रदीप डिम्हा, प्रताप ठाकुर, दानसिंह, महेश सोनी, धर्मेश चौराहा, जयसिंह सोलंकी सहित सैकड़ों अतिथि शिक्षक मौजूद थे।