नईदिल्ली। कांग्रेस ने मीडिया में आए उस पत्र को फर्जी और षड़यंत्र करार दिया है, जिसमें कथित रूप से पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में 1945 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली को लिखा था। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने शनिवार को कहा कि पार्टी इस साजिश का खुलासा करेगी और दोषियों को दंडित करेगी।
इस तरह के प्रयास को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस षड़यंत्र में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने मीडिया को भी आगाह किया कि इस तरह के फर्जी दस्तावेजों को सामने लाना या उन्हें प्रचारित और प्रसारित करना कानूनी अपराध है। उनका कहना था कि जिस भी व्यक्ति ने यह अपराध किया है और जो लोग भी इस षड़यंत्र में शामिल हैं उन्हें सामने आना चाहिए।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताजी का सम्मान करती है। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। कांग्रेस के लिए वह महान देशभक्त नेता रहे हैं और पार्टी देश की आजादी में उनके योगदान का सम्मान करती है। नेताजी की बेटी के बयान के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि पार्टी नेताजी की बेटी की भावनाओं का आदर करती है और उनकी पुत्री को कांग्रेस चुनौती नहीं दे सकती।
सुभाष पर टिप्पणी को लेकर विवाद
एक अखबार में प्रकाशित इस पत्र के अनुसार पंडित नेहरू ने एटली को 27 दिसंबर 1945 को लिखा था कि नेताजी को रूस के नेता स्टालिन ने अपने देश में आने की इजाजत दे दी है। इसमें बोस को युद्ध अपराधी कहा गया है। नेहरू ने लिखा कि ब्रिटेन और अमेरिका के सहयोगी होने के बावजूद रूस का यह कदम विश्वासघाती है। इस पत्र पर जवाहरलाल नेहरू का नाम लिखा है, लेकिन उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। शर्मा ने कहा कि यह सब जनता को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है, ताकि स्वतंत्रता आदोलन से जुड़े महापुरुषों को बदनाम किया जा सके।
मोदी सरकार जनता का ध्यान भटका रही
मोदी सरकार द्वारा नेताजी से जुडे गोपनीय दस्तावेज जारी किए जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि वह अपने शासन की कमियों को छिपाने और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ परिवार के पास यह दावा करने के लिए कुछ नहीं है। उनके पास ऐसी धरोहर और विरासत नहीं है कि वह कह सके कि उसके लोगों ने देश की आजादी के लिए कुर्बानी दी है।