भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल में विस्तार की कवायद एक बार फिर चल पड़ी है। ऐसा माना जा रहा है कि अगले महीने नर्मदा के हनुमंतिया टापू पर होने वाली कैबिनेट की बैठक नई टीम के साथ होगी। मंत्रिमंडल में 12 स्थान रिक्त हैं इनके स्थान पर 7-8 नए चेहरे शामिल करने की तैयारी की गई है। मुख्यमंत्री की 23-24 जनवरी की दिल्ली यात्रा में इस मुद्दे पर हाईकमान से हरी झंडी मिलने की संभावना जताई गई है। गुरूवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने राज की बात कहते हुए सीधा जवाब नहीं दिया।
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पिछले दो साल से अटकलों के दौर जारी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कई बार विस्तार को लेकर तारीख के साथ आश्वासन दे चुके हैं। उन्होंने यह भी ऐलान किया था कि निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। दो दिन पहले शिवराज निगम मंडलों में 19 दावेदारों की नियुक्ति संबंधी पहली सूची जारी कर चुके है. अब कैबिनेट विस्तार को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। मंत्रिमंडल में अभी मुख्यमंत्री सहित 23 मंत्री हैं।
12 पद हैं खाली-विधानसभा सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत लोगों को मंत्री बनाने संबंधी नियम के अनुसार मंत्रिमंडल में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं। इस लिहाज से 12 लोगों का स्थान रिक्त है लेकिन सत्ता-संगठन के उच्च स्तरीय सूत्रों का मानना है कि फिलहाल 7-8 सदस्यों को शपथ दिलाई जा सकती है, असंतोष को दबाने की खातिर 4-5 सदस्यों जगह खाली रखी जा सकती है।
मंत्रियों का भी दबाव - कैबिनेट के विस्तार के लिए जितना दबाव विध्ाायकों का है ,उतना ही दबाव मंत्रियों का भी है।कई मंत्री अपने विभागों में फेरबदल चाहते हैं। इसके अलावा कई मंत्रियों के पास तीन-तीन और इससे भी ज्यादा विभाग होने के कारण वे बेहतर परफॅारमेंस नहीं दे पा रहे हैं। इससे पूरी सरकार की गवर्नेंंस पर प्रभाव पड़ रहा है ।
ये हैं दावेदार -
जयभान सिंह पवैया- बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद रह चुके ग्वालियर के मौजूदा विधायक पवैया को मुख्यमंत्री स्वयं आश्वस्त कर चुके हैं। उनकी दावेदारी में क्षेत्रीय नेताओं का अड़ंगा भी है लेकिन क्षेत्रीय-जातिगत समीकरण के हिसाब से संभावना प्रबल है।
संजय पाठक -कटनी के विजयराघवगढ़ से तीसरी बार विध्ाायक चुने गए हैं। दो बार वे कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे।इस्तीफा देकर 2014 में भाजपा की टिकट पर उपचुनाव जीता ।बीजेपी के संगठन महामंत्री अरविंद मेनन के नजदीकी माने जाते हैं।गृहस्थ संत दद्दाजी का आग्रह है पाठक को कैबिनेट में शमिल किया जाए ।
सुदर्शन गुप्ता- मालवा से कैलाश विजयवर्गीय द्वारा मंत्री पद छोड़ने के बाद से रमेश मेंदोला को कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चाएं चल रही थीं लेकिन सूत्रों का दावा है कि शिवराज और तोमर की नजदीकी के चलते गुप्ता को कैबिनेट में जगह मिलने की प्रबल संभावना है।
अर्चना चिटनीस - पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री रहते हुए बेहतर परफॉरमेंस रहा ।विद्या भारती की देवपुत्र पत्रिका मामले में लोकायुक्त ने क्लीनचिट दे दी ।संविदा शिक्षकों की भर्ती व्यापमं से हुई ,पर किसी तरह का दाग नहीं ।नंदकुमार सिंह चौहान को खण्डवा से चुनाव जितवाने में अहम भूमिका ।
रूस्तम सिंह - आईपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए। पहली बार चुनाव जीतकर मंत्री बने। 2008 का चुनाव हार गए।अब दूसरी बार विध्ाायक बने हैं। गुर्जरों के एकमात्र नेता हैं।केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से नजदीकी का लाभ मिलेगा।विध्ाायक न रहते हुए सरकार ने निगम अध्यक्ष बनाया था ।
विश्वास सारंग - भोपाल से दूसरी बार विध्ाायक चुने गए। पूर्व सांसद कैलाश सारंग के बेटे हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं।सारे बड़े नेताओं से नजदीकी संबंध्ाों का फायदा मिल सकता है।पहले लघुवनोपज संघ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।
यशपाल सिंह सिसोदिया- विधानसभा एवं क्षेत्र में बेहतर परफार्मेंस, मंदसौर सहित क्षेत्रीय समीकरण एवं सत्ता-संगठन के दिग्गज नेताओं से नजदीकी के चलते सिसोदिया को मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है।
निर्मला भूरिया/रामलाल रौतेल- रतलाम-झाबुआ लोकसभा उपचुनाव हारने के बाद पार्टी झाबुआ अंचल को तवज्जो देने के लिए पूर्व सांसद स्व. दिलीप सिंह भूरिया की बेटी व पेटलावद विधायक निर्मला को मंत्री बना सकती है। इसके अलावा अनूपपुर विधायक रौतेल का नाम भी गंभीरता से लिया जा रहा है, दोनों में से किसी एक को मौका मिल सकता है।
नीना वर्मा- दिग्गज भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा को मंत्री बनाने के लिए पार्टी के नेताओं पर दबाव है। पिछली बार वह एक वोट से जीती थीं जिसे अदालत ने रद्द कर दिया था।