आगर मालवा। सूखा पीड़ित किसानों के लिए स्वीकृत मुआवजा राशि सौर ऊर्जा प्लांट के मालिकों को बांटे जाने का मामला सामने आया है. मामला आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील का है. यहां राजस्व विभाग के मैदानी अमले ने सौर ऊर्जा प्लांट की जमीन को कृषि भूमि बताकर मुआवजा बांट दिया.
दरसअल, मध्यप्रदेश में इस वर्ष प्राकृतिक आपदा के चलते नष्ट हुई फसलों के लिए किसानों को राहत के रूप में करोड़ों रुपए का मुआवजा बांटा जा रहा है. इस मुआवजा वितरण के पीछे सरकार की मंशा थी कि किसानों को नष्ट हुई फसल के एवज में आर्थिक मदद प्रदान की जाए. जिससे उनकी माली हालत में सुधार हो सके, परन्तु आगर मालवा जिले में पटवारियों की मिलीभगत से सौर उर्जा प्लांटों की जमीनों पर फसल नुकसान बताकर लाखों रुपए मुआवजे के रूप में बांट दिए गए.
जिले के जमुनिया में मुआवजा बांट रही सहकारी संस्था ने सौर ऊर्जा प्लांट वाले 9 लोगों को लाखों रुपए दे दिए.वहीं, सहकारी संस्था सुसनेर ने भी ऐसे ही 6 लोगों को मुआवजा राशि दे दी है. ऐसे में अब भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी भी पटवारियों पर लेनदेन का आरोप लगाते हुए मामले में कार्यवाही की मांग कर रहे हैं.
जिले के भाजपा नेता डॉ. धीरेंद्र पांडेय ने राजस्व विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि, उन प्लांटो की जमीनों को आखिर अब तक कृषि भूमि से उद्योग के लिए परिवर्तित क्यों नहीं किया गया. आखिर इतने वर्षों बाद भी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में उक्त जमीनें कृषि के उपयोग में कैसे बताई जा रही हैं.
उन्होंने आरोप लगाया है कि इन प्लांटों से करोड़ों की कमाई करने वाले पूंजीपति राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर सरकार को टैक्स का चूना लगा रहे हैं. सुसनेर एसडीएम जीएस डावर इस तरह के मामले के खुलासे के बाद सकते में हैं. एसडीएम का कहना है कि इस मामले की जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.