जबलपुर। बीच शहर में बने 7 मंजिला समदड़िया मॉल की लीज निरस्त कर दी गई है। जबलपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ अवध श्रोत्रिय ने बुधवार शाम ही इसके आदेश जारी कर दिए थे। अध्यक्ष का अनुमोदन बाकी रहा, इससे पहले ही गुरुवार सुबह सीईओ का तबादला हो गया।
जबलपुर विकास प्राधिकरण की स्कीम नंबर 18 में 39 हजार 780 वर्गफीट की जमीन पर बने समदड़िया मॉल की जांच का काम जेडीए ने पूरा कर लिया। प्रमोटर स्कीम के तहत यह कामर्शियल काम्प्लेक्स बनाने के लिए 2008 में दी गई जमीन लीज पर दी गई थी।
हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच के बाद लीज आवंटन के मामले में तत्कालीन अधिकारियों को भी दोषी पाया गया है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। गुरुवार को लीज निरस्त करने की फाइल जेडीए अध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्रा के सामने जानी थी ताकि पजेशन लेने की कार्रवाई की जा सके लेकिन मुख्यमंत्री के नगरागमन के कारण अध्यक्ष दिनभर व्यस्त रहे और शासन ने जेडीए सीईओ का सुबह ही तबादला आदेश जारी कर दिया।
हाईकोर्ट ने दिए थे निर्देश
सुशील मिश्रा ने 2015 में समदड़िया मॉल के लीज आवंटन को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 17 जून 2015 को निर्देश दिए थे कि यदि याचिकाकर्ता 2 सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है तो संबंधित (समदड़िया मॉल संचालक) को सुनवाई का मौका देते हुए जेडीए द्वारा परीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाए।
रिटायर्मेंट के 71 दिन पहले तबादला
जेडीए के सीईओ अवध श्रोत्रिय की सेवानिवृत्ति में महज 71 दिन शेष हैं। शासन का नियम है कि सेवानिवृत्ति में यदि एक साल बचा हो तो तबादला सामान्य प्रशासन विभाग नहीं करता है। यदि करता भी है तो उसी मुख्यालय में उसे दूसरी पदस्थापना या प्रभार दे दिया जाता है। हालांकि, इस मामले में इस नियम का पालन नहीं हुआ।
जिला पंचायत सीईओ का भी तबादला
जिला पंचायत सीईओ एवं अपर कलेक्टर (विकास) नेहा मारव्या का भी तबादला हो गया है। उन्हें समान पद पर दतिया भेजा गया है। सीईओ का भी यह तबादला राजनीति से जोड़कर ही देखा जा रहा है। पिछले एक साल से जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से उनका तालमेल नहीं बन पा रहा था। पिछले सप्ताह ही अध्यक्ष ने सीईओ की शिकायत मुख्यमंत्री के अलावा संगठन मंत्री एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से भी की थी।