
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2014 में एक शिकायत के बाद सिविल लाइन पुलिस ने एसपी ऑफिस में निजी रूप से अर्दली बनकर काम करने वाले अखिलेश मसीह नाम के युवक को फर्जी तरीके से गन लाइसेंस बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। लंबी जांच के बाद हाल ही में अखिलेश को दोबारा गिरफ्तार किया गया था। इसमें पता चला था कि अखिलेश ने एसपी के फर्जी साइन और सील का उपयोग करके 16 लोगों के नाम पर गन लाइसेंस जारी करवा दिए हैं। इस मामले में शस्त्र शाखा के पूर्व चार कर्मचारियों के खिलाफ एसपी डॉ. आशीष ने विभागीय जांच के आदेश भी दिए थे। इन कर्मचारियों पर अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप है। मामला उजागर होने के बाद गृह विभाग ने जबलपुर पुलिस से पूरी रिपोर्ट मांगी थी।
प्रदेश भर में होगी वेरीफिकेशन
सूत्रों की मानें तो गृह विभाग के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय द्वारा आईजी स्तर के एक अधिकारी की निगरानी में प्रदेश के सभी बड़े जिलों से जारी किए गए उन सभी लाइसेंस धारकों के दस्तावेज और लाइसेंस प्रक्रिया का फिर से वेरीफिकेशन किया जाएगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र भी जारी किए जाएंगे।