भोपाल। पंचायतों को अधिकार देने के मामले में मैहर विस उपचुनाव को लेकर लागू आचार संहिता का अड़ंगा लग गया है। सरकार ने इन्हें एक दर्जन से ज्यादा विभागों के अधिकार देने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों को 26 जनवरी तक इंतजार करने के लिए कहा है। सरकार और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच अधिकारों को लेकर छह माह से विवाद चल रहा है। सरकार अब उन्हें अधिकार देने को राजी हो है। 12 विभागों ने सहमति भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को भेज दी है। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की अध्यक्षता में दो बैठकें भी हो चुकी हैं।
सूत्रों का कहना है कि सरपंचों को चैक पावर लौटाने के अलावा मुख्यमंत्री ने सभी मांगों पर सहमति जता दी है। वित्त विभाग में पंचों का बैठक भत्ता दोगुना और डीजल कोटा बढ़ाने और राजस्व विभाग में अविवादित जमीन के नामांतरण का अधिकार पंचायतों को देने का मामला अटका है। राजस्व मंत्री रामपाल सिंह का कहना है कि सैद्धांतिक तौर पर हमें अविवादित नामांकन का अधिकार पंचायतों को लौटाने में आपत्ति नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि अगले सप्ताह पंचायतों को दिए जाने वाले अधिकारों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके घोषणा के स्वरूप पर चर्चा होगी। इसके बाद ही तय होगा कि चुनाव आयोग को अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा जाए या नहीं है। वहीं, पंचायतराज संगठन के संयोजक डीपी धाकड़ ने बताया कि जब मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी तक इंतजार करने के लिए कहा है तो फिर हमें भी इंतजार करना चाहिए। संगठन ने तय किया है कि 26 जनवरी के बाद आगामी रणनीति बनाई जाएगी।