मप्र में है भगवान राम द्वारा बनवाया किला

उमरिया/भोपाल। बांधवगढ़ यूं तो टाइगर रिजर्व के कारण फेमस है, पर यहां के एक किले से दिलचस्प किस्सा जुड़ा है। मिथक है कि भगवान राम ने लंका से लौटकर लक्ष्मण के लिए यहां एक किला बनवाया था। अब किले के आस-पास जंगलों में टाइगर और दूसरे खतरनाक जानवर घूमते हैं। किले में पत्थरों से बनी विष्णु कुछ पुरानी प्रतिमाएं हैं।

एमपी के उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व है, जहां कभी सफेद शेर पाए जाते थे। यहां मंदिर में राम-लक्ष्मण की मूर्ति भी है, जिनकी आज भी पूजा की जाती है। किले में वामन अवतार, शेषशायी विष्णु, मत्स्य अवतार, नरसिंह अवतार की खंडित प्रतिमाएं भी हैं।

कई राजवंशों ने किया राज
बांधवगढ़ में माघ, मौर्य, वाकाटक, सेंगर, कलचुरी और बघेलों ने राज किया। 1617 में बघेल राजा विक्रमादित्य सिंह अपनी राजधानी रीवा ले गए, जो यहां से करीब 130 किमी दूर है। इसके बाद यह किला और आसपास का इलाका खंडहर हो गया। बाद में बघेल राजाओं ने यहां पेडों को काटने की मनाही करवा दी, और धीरे-धीरे यह जगह घने जंगल में तब्दील हो गया।

1935 तक यह किला ठीक-ठाक अवस्था में था। उसके बाद रख-रखाव नहीं होने की वजह से खंडहर बन गया। 1968 में यह नेशनल पार्क बना और 1972 में यहां टाइगर प्रोजेक्ट आ गया। इस रिजर्व पार्क में एमपी के सबसे ज्यादा टाइगर हैं।

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