महाराष्ट्र। पुणे में गाडि़यों से बैटरियां चुराने के आरोप में जिंदा जलाए गए सावन राठौर के मामले में नया टि्वस्ट आ गया है. 17 वर्षीय सावन के पिता का कहना है कि उसके बेटे को हिंदू होने की वजह से जिंदा जला दिया गया. अब कुछ हिंदुत्वादी संगठनों ने इस मामले की जांच एंटी टेरोरिज्म स्क्वैड (एटीएस) से कराने की मांग की है. इन संगठनों का दावा कि आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट' के आतंकवादियों की तर्ज पर सावन की हत्या की गई.
पुलिस एफआईआर के मुताबिक, 17 वर्षीय सावन राठौर को पुणे के कस्बा पेठ में गाडि़यों से बैटरियां चुराने के आरोप में पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था. यह घटना 13 जनवरी दोपहर की है.
झगड़े के बाद छोड़ दिया था घर
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, सावन के पिता धर्म राठौर का कुछ अलग ही दावा है. धर्म राठौर ने कहा, 'अपनी बहन के साथ हुए झगड़े के बाद अपनी मौत से एक हफ्ते पहले ही सावन ने घर छोड़ दिया था. इस घटना के बाद मैं गुरुवार को अस्पताल में सावन से मिलने गया. मैंने उससे पूछा कि उसके साथ आखिर क्या हुआ...? उसने खुद मुझे बताया कि दरिंदों ने उससे पूछा कि क्या वह हिंदू है? उसके हां कहने पर उसे पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया.'
वीडियो में भी जलाने पर सहमति
दिलचस्प बात यह है कि एक वीडियो में सावन को जलाने को लेकर आरोपियों में सहमति बनती नजर आ रही है. संबंधित वीडियो में सावन बोलता नजर आ रहा है, 'मैं अपने परिवार के साथ पंधापुर में काम कर रहा था. मेरा अपने परिवार के साथ झगड़ा हो गया और मैं पुणे काम खोजने के लिए आ गया. जब मैं पेशाब कर रहा था, उसी वक्त तीन लोग आए. उन्होंने मुझे पेशाब करने पर आपत्ति जताई और मुझसे पूछा कि क्या मैं हिंदू हूं. मैंने कहा कि मैं सावन राठौर हूं. इसके बाद उन्होंने मुझपर कैन से कोई चीज उड़ेल दी और जिंदा जला दिया.'
सांप्रदायिक मंशा को लेकर सवाल
हालांकि, बंजारा क्रांति दल के प्रतिनिधि एडवोकेट रमेश राठौर ने कहा, 'मैंने पुलिसवालों के बयान लेने से मना करने के बाद मैंने वह वीडियो रिकॉर्ड किया. वहीं, डीसीपी तुषार दोषी ने बताया कि पुलिस ने तीनों आरोपियों का बैकग्राउंड चैक किया है. कोई साम्प्रदायिक जानकारी नहीं मिली है. इसका कोई सबूत नहीं है कि इस घटना के पीछे उनकी मंशा सांप्रदायिक थी. एफआईआर दर्ज कराने के समय सावन ने भी सांप्रदायिक मामले जैसी कोई बात नहीं बताई थी.'
गुरुवार को बंजारा समुदाय और हिंदुत्व संगठन के कुछ नेताओं ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की. इन लोगों ने पुलिस को चेताया कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे 27 जनवरी से उग्र आंदोलन करेंगे.
पुलिस कस्टडी में आरोपी
इधर, इस मामले में तीनों आरोपी इमरान, जुबेर तंबोली और इब्राहिम शेख को 25 जनवरी तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. इनमें से दो आरोपी सगे भाई हैं.