
टेस्ट के लिए एसटीएफ ने दफ्तर में ही टाइपिंग मशीन लगा रखी है। उम्मीदवारों के पहुंचते ही उन्हें टाइपिंग के लिए बैठाया जाता है। यदि कोई उम्मीदवार तय समय में निर्धारित शब्द टाइप न कर पाया तो उससे आगे पूछताछ होती है। अब तक 1500 उम्मीदवारों से पूछताछ हो चुकी है। चुनिंदा उम्मीदवार ही एसटीएफ की कसौटी पर खरे उतरे हैं। 2013 की टाइपिंग परीक्षा में कुल 20 हजार उम्मीदवार पास हुए थे। इसमें 3 हजार संदिग्ध हैं।
नहीं दोहराएंगे पुरानी गलती-गिरफ्तारी बाद में
व्यापमं घोटाले में बड़े पैमाने पर छात्रों व उनके अभिभावकों की गिरफ्तारी से किरकिरी होने के बाद अब एसटीएफ अधिकारी उम्मीदवारों की गिरफ्तारी से बच रहे हैं। जांच अधिकारी कहते हैं कि फिलहाल हम पूरी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं कि कितने उम्मीदवार गलत तरीके से परीक्षा में पास हुए हैं। वजह यह है कि इसमें भी उम्मीदवारों की संख्या बहुत ज्यादा है। गिरफ्तारी के विषय में बाद में फैसला किया जाएगा। इस संबंध में सीधे कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी।
जो सरकारी नौकरी में उनके विभाग प्रमुख को लिखेंगे पत्र
एडीजी सुधीर शाही ने संदिग्ध उम्मीदवारों में ऐसे लोगों की सूची बनाने के आदेश दिए हैं, जिन्होंने टाइपिंग सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की है। फौरी तौर पर 70 लोगों की सूची तैयार हो गई है लेकिन सूची में 200 से ज्यादा नाम जुड़ने की संभावना है। इस मामले में एसटीएफ पहले ही लोक शिक्षण संचालनालय के 7 अधिकारी-कर्मचारी सहित 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर चुकी है।