भोपाल। विवादों में घिरे स्वामी नित्यानंद के सिंहस्थ की पब्लिसिटी से जुड़े होर्डिंग में नया मोड़ आया है। इस मामले में पहले कार्रवाई की बात कही गई थी, लेकिन अब संबंधित अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मप्र के एक मिनिस्टर की सिफारिश पर दमोह की एड एजेंसी को यह होर्डिंग लगाने का ठेका मिला था।
उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ की पब्लिसिटी के लिए लगे रेप के आरोपी स्वामी नित्यानंद के होर्डिंग खुरई रेलवे स्टेशन से प्रशासन ने हटवा तो दिए हैं, लेकिन इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। सभी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में बोलने से बच रहे हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि मप्र के एक मंत्री की सिफारिश पर ही मोहित इंटरप्राइजेज को ठेका दिया गया है।
वहीं इस मामले में मोहित इंटरप्राइजेज के संचालक रमाशंकर तिवारी का कहना है कि उन्होंने माध्यम से मिली डिजाइन के अनुसार हाेर्डिंग लगवाए थे। खुरई टीआई का कहना है कि उन्हें इस मामले में अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई का सवाल ही नहीं बनता है।
धोखाधड़ी और रेप का आरोपी है नित्यानंद
35 साल के नित्यानंद पर रेप और धोखाधड़ी के आरोप हैं। नित्यानंद सबसे पहले 2010 में तब विवादों में आए थे जब उनकी एक सीडी साउथ के न्यूज चैनल ने जारी की थी। इसमें वे साउथ की एक अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिख रहे थे। नित्यानंद ने सीडी को फर्जी बताया था लेकिन हैदराबाद की सीएफएसल ने इसे सही बताया था।
इसके बाद नित्यानंद ने स्वयं को नामर्द बताया था। उनके इस दावे पर अदालत ने उनका मेडिकल टेस्ट कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि वो अदालत के बार-बार निर्देश के बावजूद टेस्ट कराने नहीं गए। इसी बीच 2012 में अमेरिकी मूल की एक महिला ने उन पर रेप का आरोप लगा दिया था। पुलिस ने इस मामले में उन पर रेप की धारा में एफआईआर दर्ज की थी। फिलहाल सभी मामले अभी कोर्ट में विचाराधीन है।