बिहार में बदनाम हुई मोदी की मुन्नी

नईदिल्ली। नीतीश सरकार के सत्ता संभालने के डेढ़ माह बाद भाजपा गठबंधन का यह पहला बख्तरबंद हमला था. सरकारी तंत्र में खलबली थी. सर्कुलर रोड के अंदर इसकी गूंज पहुंची थी. मामला था नेशनल हाईवे निर्माण करने वाली कम्पनी के दो इंजीनियरों की हत्या का. खबर आयी कि उनकी हत्या रंगदारी के लिए की गयी. एनडीए ने तब विपक्ष धर्म का पालन किया. सुशील मोदी से ले कर रामविलास पासवान तो मैदान में कूदे ही, जीतनराम मांझी ने भी कसर नहीं छोड़ी. आरोप लगाया कि ‘बिहार में जंगल राज-2 शुरू हो चुका है. इंजीनियर सुरक्षित नहीं. डाक्टर दहशत में हैं. कारोबारी भयभीत हैं.’इसके लिए वाजिब था कि नीतीश कुमार पर दोष मढ़ा गया. कहा गया कि लालू प्रसाद के साथ सत्ता में आते ही बिहार में जंगल राज शुरू हो चुका है. 

लेकिन अब मुन्नी पकड़ी गयी है. यह मुन्नी देवी हैं. बहेड़ी प्रखंड की प्रमुख होना इनकी एक पहचान है. पर दूसरी पहचान जीतन राम मांझी की पार्टी हम की सक्रिय कार्यकर्ता. जद यू के प्रवक्ता संजय सिंह ने अपने फेसबुक वॉल पर यह तस्वीर जारी की है. इसमें मुन्नी एक कार्यक्रम में मांझी को शाल ओढ़ा रही है. मुन्नी के पति संजय लाल देव को पुलिस ने दरभंगा से गिरफ्तार किया. पुलिस का दावा है कि मुन्नी ने स्वीकार किया है कि वह इंजीनियर डबल मर्डर केस में साजिशकर्ता थी. इतना ही नहीं इस दोहरे हत्या में उसने अपनी भूमिका स्वीकार की. इस मामले में मुख्य आरोपी संतोष झा है. जेल से फरार मुजरिम. उसका पकड़ा जाना बाकी है. अब मोदी और मांझी के रिश्तों का खुलासा करने की शायद जरूरत नहीं. 

भाजपा गठबंधन को झटका
इस तस्वीर के सामने आने के बाद, जंगल राज का गलाफाड़ शोर करने वाले मांझी गुमसुम हैं.बस इतनी सफाई दी है कि कार्यक्रमों में सम्मान करने वाले लोगों की कमी नहीं होती. सबको पहचान पाना मुश्किल है. उधर सुशील मोदी के बयानों के तीर इस मामले में नहीं आये. अब लालू प्रसाद के उस बयान को फिर से याद कीजिए जिसमें उन्होंने कहा था कि हत्या की साजिश विरोधी दलों द्वारा सरकार को बदनाम करने का प्रयास है. मुन्नी की स्वीकारोक्ति के बाद और मांझी के साथ उनकी तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद लालू प्रसाद के तर्क को बल मिला है.

पल्ला न झाड़े सरकार
पर सवाल यही खत्म नहीं होता. भले ही मुन्नी और उनके पति देव का राजनीतिक संबंध किसी भी दल से हो लेकिन राज्य में हिंसा पर नियंत्रण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. इसलिए उसे ही शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी लेनी होगी. कोई जरूरी नहीं कि आने वाले दिनों में जो भी हिंसा हो उसके लिए सिर्फ एनडीए की मुन्नी को ही जिम्मेदीर ठहराया जाये.
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