भोपाल। बिजली कंपनियों ने इस साल बिजली की औसत कीमत 5 रुपए 29 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर 5 रुपए 99 पैसे करने की मांग की है। मप्र सरकार की कंपनियों का दावा है कि इसके बावजूद उन्होंने हर यूनिट पर 25 पैसे का घाटा होगा। प्रदेश में एक दिन में 20 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली सप्लाई होती है। यानी यह घाटा रोजाना पांच करोड़ रुपए का होगा। साल भर में यह आंकड़ा 1825 करोड़ रुपए होता है। दरअसल इसकी वजह प्रदेश में बड़े पैमाने पर होने वाली बिजली चोरी है।
पावर मैनेजमेंट कंपनी ने तीनों वितरण कंपनियों की ओर से बिजली दरें बढ़ाने की याचिका विद्युत नियामक आयोग को दी है। इस याचिका में माना गया है कि एटी एंड सी लॉसेस (जिसमें तकनीकी हानि और चोरी दोनों शामिल हैं) वह अधिकतम 15 प्रतिशत होना चाहिए। लेकिन प्रदेश की तीनों कंपनियों में यह 21.17 प्रतिशत से लेकर 22.40 प्रतिशत तक है। कंपनियों ने इसी आधार पर लागत तय की है।