
रामबीर ने जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने कोर्ट को बताया कि भिण्ड में वर्ष 2006, 2009, 2011 में संविदा शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इस भर्ती में काफी फर्जीवाड़ा हुआ है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी ली है, जबकि वे योग्य नहीं थे। इस घोटाले में कई अधिकारी भी शामिल हैं। इसलिए इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए। शासन की ओर से पैरवी कर रहे डिप्टी महाधिवक्ता विशाल मिश्रा ने बताया कि कलेक्टर ने जांच के लिए कमेटी बनाई है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल विवेक खेड़कर ने बताया कि राज्य शासन मामले की जांच कर रहा है। इसमें सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कमेटी को 3 महीने में जांच पूरा करने का आदेश दिया है।