भोपाल। 'आपको तीन हजार रुपए भरने पर 10 हजार का बीमा, टूर एंड ट्रैवल्स का कूपन और तीन साल में दस गुना पैसा मिल जाएगा।' छोटी बचत का झांसा देकर एक फर्जी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने लगभग 14 लाख की धोखाधड़ी की। कंपनी ने भोपाल समेत आसपास के इलाकों के करीब 450 लोगों को अपना शिकार बनाया। ठगों ने शुक्ला लाइफ इंश्योरेंस नाम से बीमा कंपनी बनाई और उसका एमपी नगर जोन-2 में ऑफिस भी खोला था। बीमा की 13 लाख 62 हजार रुपए की राशि हड़पकर आरोपी ऑफिस और घर पर ताला लगाकर फरार हो गए।
विवेचक ओपी मीणा के मुताबिक कैलाश मालवीय समेत चार लोगों ने 4 सितंबर 2015 को एक शिकायती ने आवेदन दिया था। इसमें उन्होंने बताया था कि वे वर्ष 2014 से शुक्ला लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में बीमा एजेंट हैं। कंपनी के मैनेजर मनीष करात, उनकी पत्नी रजनी करात और साला राममूर्ति संचालक थे। इसके अलावा सुनील कुमार साहू और भूरेलाल राणावत भी सीनियर पद पर थे। कंपनी का जोन-2 प्लॉट नंबर-134 में ऑफिस था।
उन्होंने बतौर एजेंट कंपनी के लिए काम करते हुए करीब 450 लोगों का बीमा कराया। प्रत्येक से 3-3 हजार रुपए लिए। एक्सीडेंट और हेल्थ बीमा के नाम पर उनसे पैसे लिए थे। कंपनी की तरफ से वादा किया गया था कि बीमा धारक को 3 हजार का बीमा करने पर 10 हजार रुपए का मुआवजा, टूर एंड ट्रैवल्स का पैकेज और तीन साल बाद दस गुना यानी 30 हजार रुपए लौटा दिए जाएंगे। लोगों ने दस गुना के लालच में आकर बीमा करा लिया।
कैलाश ने आरोप लगाए कि तीन साल तक कमीशन पर काम करने के बाद जब रुपए लौटाने का समय आया तो आरोपियों ने तीन महीने पहले एमपी नगर जोन-2 का ऑफिस बंद कर दिया और साकेत नगर स्थित अपने घर से इसे संचालित करने लगे। इसके बाद धीरे से वे 13 लाख 62 हजार रुपए समेटकर फरार हो गए। विवेचक मीणा ने बताया कि पुलिस ने आवेदन की जांच पर पांचों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने आवेदन मिलने के बाद साकेत नगर और एमपी नगर जोन-2 के ऑफिस में दबिश दी थी, लेकिन आरोपियों का कुछ पता नहीं चल पाया है।
तीन महीने बाद भी नहीं लगा अभिनव प्रयास के जालसाजों का सुराग
छोटी बचत और जीवन बीमा करने का झांसा देकर हजारों लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले एनजीओ अभिनव प्रयास के संचालकों का तीन महीने बाद भी सुराग नहीं लग पाया है। अभिनव प्रयास के खिलाफ बागसेवनिया पुलिस ने 9 अक्टूबर 2015 में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। वर्ष 2009 में आकाश दीप ने अपनी पत्नी शिखा राय, संजय श्रीवास्तव, राजेश सिन्हा, आशीष सिन्हा, रीतेश कुमार सिन्हा, संदीप श्रीवास्तव, शशिकांत, एसके महोबिया और एसके दास गुप्ता के साथ मिलकर अभिनव प्रयास नाम से एनजीओ बनाया था। उन्होंने प्रदेशभर में पंचायत स्तर पर प्रतिनिधि नियुक्त किए थे। प्रतिनिधि ही लोगों को सदस्य बनाकर उनसे रुपए लेकर एनजीओ के खाते में जमा करवाते थे। लोगों को झांसा दिया गया था कि महज 350 रुपए का बीमा करवाने पर स्वाभाविक मौत पर 30 हजार, हादसे में मौत या अपंग होने पर 75 हजार रुपए मिलेंगे। हालांकि जब रुपए देने की बारी आई तो आरोपी ऑफिस बंद कर फरार हो गए। इसमें कई एलआईजी कर्मचारी और नेताओं के नाम भी सामने आए थे।