भोपाल। इन दिनों जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच तनाव की खबरें सामान्य हो चलीं है। इस बीच हम बता दे कि प्रोटोकॉल के अनुसार मप्र में विधायकों को II क्लास अधिकारी तक को तलब करने का अधिकारी नहीं है। यदि वो कुछ जानना चाहते हैं तो उन्हें सरकारी दफ्तर जाना होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में मंगलवार को विधायकों ने प्रोटोकॉल का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि हम कलेक्टर को कोई पत्र देते हैं तो वह तत्काल सुनवाई करते हुए उसे अपर कलेक्टर को भेज देते हैं, इसके बाद उस पत्र को कार्यवाही के लिए तहसीलदार के पास जाता है। विधायकों का कहना है कि तहसीलदार के पास पत्र जाकर ठंडे बस्ते में चला जाता है। उसकी सुनवाई नहीं होती। उन्होंने बैठक में अफसरों से पूछा कि क्या हमें तहसीलदार को अपने घर बुलाने का अधिकार है।
इस पर अफसरों ने मना कर दिया कि तहसीलदार द्वितीय श्रेणी का अधिकारी होता है उसे विधायक अपने निवास पर नहीं बुला सकते। विधायकों ने कहा कि हम तहसीलदार के कार्यालय में जाते हैं तो सुनवाई नहीं होती। हमे प्रोटोकॉल में ऊपर किया जाए, जिससे मैदानी अफसर हमारी बात को प्रभाव के साथ सुन सकें।