नई दिल्ली। आंकड़ों में यह बात निकलकर कर सामने आयी है कि अक्टूबर 2015 तक दिल्ली में 1856 बलात्कार के मामले सामने आये हैं जिसमें से 824 मामलों में नाबालिग लड़कियों के साथ रेप किया गया है। यही नहीं वर्ष 2013 में 1636 रेप के मामले दर्ज किये गये थे जिसमें 757 पीड़ित लड़कियां नाबालिग थी। जबकि वर्ष 2014 में 2166 रेप के मामले दर्ज किये गये जिसमे 1004 पीड़ित लड़कियां नाबालिग थी।
लेकिन इन सब आंकड़ों के इतर विपक्ष को देश की राजधानी से जुड़े इस भयानक तथ्य पर सरकार को घेरने की फुर्सत नहीं है। विपक्ष के किसी भी नेता ने इस आंकड़े के सामने आने के बाद गृहमंत्री या फिर प्रधानमंत्री को घेरने की कोशिश नहीं की।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजलीवाल जिनके पास एक बड़ा मौका है कि दिल्ली में नाबालिग लड़कियों के साथ हो रहे रेप को लेकर केंद्र सरकार और गृहमंत्री के अधीन दिल्ली पुलिस पर सवाल उठा सके। बहरहाल मौजूदा वक्त में राजनीतिक बयानों की आंधी संसद से सड़क तक हंगामा मचा हुआ है। ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल की ऐसे गंभीर मुद्दों पर चुप्पी साधना बड़ी चिंता का विषय है।