
कल्पना रोकडे को 13 नवंबर की रात्रि लगभग 8.30 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भानेगांव द्वारा गर्भाशय में पानी होने की जानकारी मिलने पर उसे जिला अस्पताल भेजा गया था। कल्पना की हालत गंभीर बनी हुई थी एवं तत्काल आॅपरेशन जरूरी था। लेकिन ड्यूटी डॉक्टर गीता बारमाटे ने मामले को टाल दिया। दूसरे दिन सुबह हालत अत्यंत गंभीर हो जाने पर आॅपरेशन किया तो मृत शिशु पैदा हुआ।
महिला डाक्टर के द्वारा लापरवाही बरते जाने की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक तथा स्वास्थ्य संचालक को भी की थी। इस मामले की जांच सिविल सर्जन डाॅ आर के पाण्डया द्वारा की गई उनकी जांच रिपोर्ट में स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ गीता बारमाटे द्वारा लापरवाही किया जाना पाया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सिविल सर्जन द्वारा की गई जांच को सही पाया तथा उन्होने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 13 नवंबर की रात्रि में जब डाॅ गीता बारमाटे द्वारा प्रसुता की जांच की गई थी तभी उसका आपरेशन कर दिया जाना चाहिये था लेकिन लापरवाही के चलते उसे आब्जर्वेशन में रखने की सलाह दी। इसी मामले में संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पूर्व में ही निलम्बित कर दिया था।