भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आंखफोड़वा कांड पर सख्त एक्शन लेते हुए अस्पताल के सिविल सर्जन को सस्पेंड करने का बयान दिया है. इससे पहले ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर समेत पांच स्वास्थ्यकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं हुई है, जबकि 37 लोग अंधे हो चुके हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज ने सोमवार को विधानसभा में बयान देते हुए कहा कि, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों के आंखों की रोशनी चली जाना बड़ी घटना है. सरकार जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी. इस दौरान उन्होंने अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अमरसिंह बिजनार को सस्पेंड करने के आदेश दिए. वहीं इससे पहले राज्य सरकार ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर आरएस पलोड़ समेत ओटी इंचार्ज लीला वर्मा, नर्स माया चौहान, विनीता चौकसे, शबाना मंसूरी व नेत्र सहायक प्रदीप चौकड़े को निलंबित कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि बड़वानी जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए विशेष शिविर लगाया गया था. इस दौरान करीब 80 मरीजों के ऑपरेशन किए गए थे.ऑपरेशन के बाद कई मरीजों को आंखों में पस, खुजली और दर्द की शिकायत होने लगी, थोड़ी देर बाद ही उन्हें दिखना भी बंद हो गया. मामला सामने आने के बाद परिजनों और अस्पताल में हड़कंप मच गया. धीरे-धीरे ऐसे मरीजों की संख्या 47 तक पहुंच गई. जिसके बाद अब उनका इलाज इंदौर के दो अस्पतालों में चल रहा है.