जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सतना के कलेक्टर को सख्त निर्देश दिया कि वे हर हाल में पूर्व आदेश का समुचित पालन सुनिश्चित कराएं। ऐसा न किए जाने की सूरत में अवमानना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
न्यायमूर्ति आरएस झा की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता सतना निवासी प्रदीप सिंह का पक्ष अधिवक्ता सुधा गौतम ने रखा। उन्होंने दलील दी कि अवमानना याचिकाकर्ता बीआरसी के पद पर पदस्थ था, उसे विभागीय मनमानी के जरिए बीएसी के पद पर पदावनत कर दिया गया। जिसके खिलाफ वह पूर्व में हाईकोर्ट की शरण में आया था। हाईकोर्ट ने पदावनति को विधिविरुद्घ पाते हुए कलेक्टर को निर्देश दिए थे कि वे 3 माह के भीतर अनुचित आदेश वापस लेकर बीआरसी बनाएं। इसके बावजूद ऐसा नहीं किया गया। लिहाजा, न्यायहित में अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।
बहस के दौरान बताया गया कि अवमानना याचिकाकर्ता 1997 से बीआरसी बतौर सेवाएं देता चला आ रहा था। उसके खिलाफ किसी तरह की कोई शिकायत न होने के बावजूद डिमोशन के जरिए परेशान किया गया। 2003 में की गई इस मनमानी के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरु की गई, जिसमें 2013 में सफलता मिली, इसके बाद भी विभागीय हठधर्मिता के कारण अब तक परेशानी झेलनी पड़ रही है।