खरगोन। रेत माफिया के चंगुल में फंसे तहसीलदार ने मदद के लिए पहले वरिष्ठ अफसरों को फोन लगाया, फिर पुलिस को बुलाया लेकिन कोई मदद को नहीं आया। अंतत: माफिया के हाथों जलील होकर तहसीलदार व टीम उल्टे पांव वापस लौट आई।
मामला जिले के करही थाना क्षेत्र के नर्मदा किनारे के गांव सिटोका का है। जहां अवैध रेत उत्खनन होने की सूचना पर मण्डलेश्वर टप्पा के नायब तहसीलदार के सी सोलंकी कार्रवाई के लिए पहुंचे थे। नौ ट्रेक्टरों में अवैध रेत को भरते देख नायब तहसीलदार ने कार्रवाई शुरू कर दी।
इस दौरान रेत माफिया भग्गू पटेल वहां पहुंच गया और उसने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से झगड़ना शुरू कर दिया।
भग्गू के धमकाने के बावजूद केसी सोलंकी ने कार्रवाई जारी रखी तो रेत माफिया धमकाने पर उतर आया। उसने नायब तहसीलदार को नौकरी छीनने तक की धमकी दे दी।
रेत माफियाओं के गुंडों से घिरने के बाद केसी सोलंकी ने मदद के लिए एसडीएम, करही पुलिस थाने और खनिज विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया। खनिज विभाग के अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया, जबकि पुलिस थाने से फोर्स की कमी का हवाला देते हुए केवल एक जवान भेजा गया।
इसके बाद किसी तरह नायब तहसीलदार और उनका अधीनस्थ स्टाफ अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकला बाद में करही थाने पर भग्गू पटेल के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है।
