
रविवार की दोपहर करीब 2.30 बजे गांधी नगर में ए-24 में रहने वाली वृद्धा सरोजनी सक्सेना भोजन करने के बाद आराम करने के लिए कमरे में जा रही थीं। तभी किसी ने उनका दरवाजा खटखटाया। दरवाजे पर 2 अंजान व्यक्ति खड़े थे।
दरवाजे पर खड़े व्यक्तियों ने सरोजनी से पूछा कि माताजी शर्मा जी कहां रहते हैं? वृद्धा ने कहा कि सामने ही रहते हैं, रुको मैं बताती हूं। वह अंजान व्यक्तियों की मदद के लिए दरवाजे तक आ गईं और शर्माजी का घर बताने लगीं। तभी दोनों बदमाश धक्का मारते हुए वृद्ध को अंदर ले गए और उनके मुंह को शॉल डाल दिया। एक बदमाश उनकी कनपटी पर कट्टा रखकर कहने लगे कि गोली मारकर हत्या कर दो। वृद्धा बुरी तरह घबरा गई और बदमाशों से जान नहीं लेने की गुहार करने लगी। सरोजनी ने बदमाशों से कहा कि तुम्हें जो चाहिए वह ले लो। बस मेरी जान बख्श दो।
हाथ काटकर चूड़ी उतार लो
वृद्धा ने प्राण बचाने के लिए सोने के कान के टॉप्स, अंगुली से सोने का छल्ला उतारकर दे दिया। हाथ की चूड़ी उतारने का प्रयास किया, नहीं उतरने पर बदमाशों ने कहा कि हाथ काट दो। वृद्धा गिड़गिड़ाने लगी। तभी घर में रखा प्लास उठाकर बदमाशों ने चूड़ी काटकर उतार लीं। लुटेरों ने अलमारी की चाबी मांगी। वृद्धा ने चुपचाप अलमारी की चाबी थमा दी। बदमाशों ने अलमारी में रखे 7 हजार रुपए, एक चांदी का गिलास व सिक्का व टेबल पर रखा सेमसंग का मोबाइल भी लूटकर ले गए। लूटपाट करने के बाद घर से निकलते समय लुटेरे वृद्धा के पैर छूकर गए। ऐसा बदमाशों ने क्यों किया? यह सवाल पुलिस को भी परेशान कर रहा है।