
अंकित सिंह के खिलाफ झांसी रोड थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वर्ष 2013 में अंकित की जगह गिरिराज शर्मा ने परीक्षा दी थी और अंकित सिंह का सिलेक्शन हो गया था। धारा 27 के मेमो में इसका खुलासा एसआईटी के सामने हुआ था, लेकिन एसआईटी ने कोई जांच नहीं की। गिरिराज शर्मा व अंकित के अंगूठे व हस्ताक्षर के भी नमूने नहीं लिए। जांच के साथ-साथ कोई रिकॉर्ड भी जब्त नहीं किए। न कोर्ट में चालान पेश किया। सीबीआई ने दोनों आरोपियों के आरोप को संज्ञान में लिया है। उन्हें पूछताछ व हस्ताक्षर के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आ रहे थे। इसको लेकर सीबीआई ने सीजेएम कोर्ट में एक आवेदन पेश कर गिरिराज की गिरफ्तारी की इजाजत मांगी है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जांच व गिरफ्तारी की इजाजत दी है।