
साथियों हमने पूरा अक्टूबर माह आंदोलन मै लगा दिया लेकिन जब तक हम आंदोलन करते रहे मुख्यमंत्री जी हमसे मिलने को भी तैयार नही, वे आंदोलन समाप्त करने तथा संयुक्त मोर्चा बनने के पश्चात ही चर्चा को तैयार हुए और आज स्थिति यह है कि मध्यप्रदेश शासन हमारी मांगों के प्रति गंभीरता से विचार कर रहा है, यह गुणवत्ता रैल 6 दिसंबर को भी संभव थी परंतु हमारे आजाद संघ के कुछ नेता जैसे जावेद खान, अजित पाल एंव बहिन शिल्पी शिवान की पोस्टों ने शायद प्रशासन को सुरक्षा की दृष्टि को देखते हूऐ एंव प्रशासन के खुफिया तंत्र ने मुख्यमंत्री जी को महापंचायत के समय को आगे बढ़ाने की सलाह दी,
मित्रों आप ही सोचिए जब मुख्यमंत्री स्वंय दो से ढाई लाख लोगो को बुला रहे थे तब उनके मन मै कुछ ना कुछ तो होगा, घोषणा का विचार होगा परंतु ये महान अध्यापक नेता अपने आप को भरत भाई एंव संयुक्त मोर्चा से उपर दिखाने के चक्कर मै अधयापकों को एक दिन पहले भोपाल आने एंव गोपनीय बैठक की पोस्ट डालकर प्रशासन को हमारी संदेहास्पद रणनीति की ओर सोचने पर मजबूर कर देती है।
मित्रों एक बात साफ समझ लिजिऐ की हम प्रशासन से बातचीत के द्वारा ही अपनी मांगे मनवा सकते है क्योंकि हम अक्टूबर के पूरे माह मै आंदोलन करके प्रशासन को अपनी ताकत का एहसास करा चुके है ।
आजादपंथियो को यह बात समझने की सख्त आवश्यकता है कि 13 अक्टूबर वाले आंदोलन मै ऊनको सभी अध्यापकों का समर्थन इसलिए मिला क्योंकि अन्य संगठन मृतप्राय हो चुके थे, परंतु आंदोलन मै अन्य संगठनो के जुड़ने के बाद ही मुख्यमंत्री महोदय बातचीत को तैयार हुए, परंतु जावेद भाई एंव अजीत पाल द्वारा 3 दिसंबर को हुई बैठक के बाद डाली गई पोस्टों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे सिर्फ यही लोग ही बस अध्यापक हितैषी है एंव अन्य संगठनों के नेता सिर्फ सरकार के कहने पर कार्य कर रहे है और अगर मुख्यमंत्री जी या किसी अन्य सरकारी नुमाइंदे ने किसी कारणवश महापंचायत की तिथि आगे बढ़ाने का आग्रह आप लोगो से किया गया तो कुछ ना कुछ तो कारण तो होगा इसे सार्वजनिक करके आप लोग प्रशासन को अधयापकों के प्रति पुनः सोचने को मजबूर कर रहे अतः आप लोगो से निवेदन है कि अपने आप को महान सिध्द करने के प्रयास मै आम अध्यापकों का नुकसान ना करें चूँकि आप लोग पडे लिखे अधयापकों का प्रतिनिधित्व कर रहे ना कि किसी मजदूर संगठन का जो कि ना के बराबर पढे लिखे होते है ।
एक अध्यापक नेता के बिक जाने के कारण आप सभी को कटघरे मै खड़े नही कर सकते वैसे मै आप लोगो को एक बात जरूर बताना चाहूँगा कि हमारी लड़ाई मध्य प्रदेश शासन से है जो यह भी पता लगा सकते है कि आपने घर पर क्या खा कर आ रहे है फिर आप लोग तो इतने आंदोलन की नुमाइंदे है प्रशासन के पास ऐसी कोई ना कोई तो जानकारी है कि वह अकेले आजाद अध्यापक संगठन से चर्चा नही करता जबकि अन्य संगठनो से आसानी से चर्चा कर लेते है अतः आप दोनो से निवेदन है कि अपने अनुभवहीन पोस्टों से अन्य संगठनो के नेतृत्व पर कीचड़ उछालकर एंव प्रशासन को छोटा दिखाने की नाकाम कोशिश करके आम अध्यापकों का नुकसान ना करे और अंत मै आपको एक वास्तविक स्थिति से जरूर अवगत कराना चाहूँगा अधयापकों की जो भी मांगे पूरी होगी वो केवल संयुक्त मोर्चा के द्वारा ही संभव होगा इसलिए जय आस को छोड़कर संयुक्त मोर्चा पर पूरा ध्यान दे क्योंकि यह अकेले आस के बस का काम नही है इस सत्यता को जल्द स्वीकार करें और बैनर की लड़ाई छोड़कर केवल अध्यापक हित पर ध्यान देने की कृपा करें ।
धन्यवाद हिमांशु पांडे