ललित मुदगल@एक्सरे/भोपाल। क्षमा करना शब्द कडे हो सकते पर लिखना पढ़ रहा है कि एक डीपीसी के आगे मप्र शासन के शिक्षा मंत्री को झुकना पडा और अपनी नोटशीट पर चलाया गया आदेश को भी बदलना पड़ा।
बात सीधी-सीधी है कि शिवपुरी के एक शासकीय छात्रावास की छात्राओ को मंत्रीजी के स्वागत के लिए शोपीस बनाकर खडा कर दिया और इन छात्राओ में से एक दलित छात्रा को भूखे खड़े रहने के कारण चक्कर आ गए और वह बेहोश हो गई।
मामले ने तूल पकडा और 1 दिसम्बर को स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमाक आर 1383-2446-2015-20-4 से द्वारा इस दलित बच्ची के मुर्छित हो जाने और अन्य छात्राओ को खड़ा करने के लिए दोषी मानते हुए राज्य शासन ने शिवपुरी के डीइओ गिल, डीपीसी शिरोमणि ओर इस छात्रावास की अधीक्षिका का सस्पैंड कर दिया।
अचानक देर रात आए इस आदेश से शिवपुरी में शिक्षा विभाग में जगराता हो गया। DEO इस आदेश के बाद ऑफिस नही आए और डीपीसी आदेश की खबर सुनते ही भोपाल जा धमकें और अपनी वीटो लगा डाली. तीसरे दिन डीपीसी अपने निलबंन के बाद भी ऑफिस पहुंचे।
अचानक यह खबर भी आ गई डीपीसी की असिमित ताकत के आगे मप्र शासन के स्कूल शिक्षा मंत्री को झुकना पड़ा ओर अपनी नोटशीट पर चले निलबंन आदेश को रोकना पड़ा।
डीपीसी ने अपने निलबंन के आदेश को रद्द मानते हुए अपने विभाग को दावत भी दे डाली। इसमें शिक्षा विभाग के साथ-साथ मीडिया को भी आमंत्रित किए जाने की खबरे मिल रही है।
इससे पूर्व भी डीपीसी को कमिश्नर ने सस्पैंड किया था और डीपीसी ने कमिश्रर का आदेश रातो रात रूकवा लिया था। डीपीसी के खिलाफ शिवपुरी की एक शिक्षिका के पति ने शासन से कई शिकायते की इन शिकायतो की जांच भी डीपीसी के अधीनस्थो के ही कर डाली।
लव्वोलुआब यह की शिवपुरी में DPC शिरोमणि दुबे का जलवा कायम है.