
नादिया की आपबीती
15 सदस्यों की काउंसिल के सामने नादिया ने बताया, ''आईएसआईएस के आतंकियों ने पिछले साल अगस्त में इराक के एक गांव से मुझे अपने कब्जे में लिया था। वो एक बस में मुझे अपने कब्जे वाले मोसुल शहर लेकर गए। पूरे रास्ते उन्होंने मेरे साथ बदसलूकी की। मैंने रो-चिल्लाकर उनसे रहम की भीख मांगी, लेकिन इसके बदले उन्होंने मुझे जमकर पीटा।'' नादिया ने बताया कि कुछ दिनों बाद उसे एक आतंकी के हवाले कर दिया गया। जो रोज उसे अपनी हवस का शिकार बनाता। नादिया ने जब भागने की कोशिश की, तो गार्ड ने उसे पकड़ लिया। उस रात नादिया को बहुत मारा पीटा गया और कपड़े उतारकर उसे गार्ड्स के हवाले कर दिया गया। उस रात वो तब तक रेप का शिकार हुई, जब तक वो बेहोश नहीं हो गई।
रेप आतंकियों का सबसे बड़ा हथियार
नादिया ने उस खौफनाक वक्त को याद करते हुए बताया कि उसे पूरे तीन महीने एक सेक्स स्लेव की तरह रखा गया। नादिया के मुताबिक, औरतों और लड़कियों की जिंदगी खराब करने के लिए आतंकी रेप को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते हैं। ताकि महिलाएं फिर कभी भी पहले की तरह सामान्य जिंदगी न जी सकें। नादिया ने बताया कि मोसुल में हजारों की संख्या में यजीदी महिलाएं और बच्चे बंधक बनाकर रखे गए थे, जिन्हें आतंकी एक-दूसरे से गिफ्ट के तौर पर बदलते थे।
नादिया और यूएन की अपील
नादिया ने आईएस से छुटकारा दिलाने की संयुक्त राष्ट्र से अपील की। उसकी आपबीती सुन यूएन के सिक्युरिटी काउंसिल के कई मेंबर्स भी रो पड़े और उन्होंने नादिया की हिम्मत की तारीफ की। वहीं, यूएन ने कहा कि इस्लामिक स्टेट यजीदी समुदाय को खत्म करने के लिए नरसंहार को अंजाम देने की कोशिश कर सकता है। यूएन ने। सिक्युरिटी काउंसिल से इस मुद्दे को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में ले जाने की अपील की।