होशियारपुर। योग गुरु बाबा रामदेव को सीजेएम अमरिंदर पाल सिंह की अदालत ने सम्मन जारी कर दो फरवरी को अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए हैं। 2014 में बाबा रामदेव ने रैली के दौरान यह विवादित ब्यान दिया था कि कांग्रेसी नेता राहुल गांधी दलितों की बस्ती में हनीमून मनाने जाते हैं। होशियारपुर की अदालत में प्रैक्टिस कर रहे एडवोकेट गुरुइकबाल सिंह और एडवोकेट धमेंद्र दादरा ने रामदेव के खिलाफ 12 मई 2014 को इस्तगासा (प्राइवेट कंप्लेंट) दायर की थी। जिसपर वीरवार को सुनवाई के दौरान होशियारपुर के सीजेएम अमरिंदर पाल सिंह की अदालत ने समन जारी कर बाबा रामदेव को अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए हैं।
शिकायतकर्ता ने रामदेव के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट और २९५ (धार्मिक बेअदबी वाली धारा) के तहत कार्रवाई की मांग की थी। अदालत ने 295 की धारा को रद्द करते हुए केवल एससी-एसटी एक्ट के तहत ही समन जारी किए है। एससी-एसटी एक्ट में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है, जिसके चलते बाबा रामदेव पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। एडवोकेट गुरइकबाल और एडवोकेट धमेंद्र दादरा ने कहा कि बाबा रामदेव ने यह बयान देकर दलितों और महिलाओं का अपमान किया है।