
प्रदेश में तीसरी बार बीजेपी की सरकार के गठन के दो साल बीत गए, लेकिन निगम-मंडलों में नियुक्ति का मामला टलता रहा है। पिछले एक पखवाड़े से सत्ता-संगठन के सूत्र संकेत कर रहे हैं कि अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने को हैं। पार्टी के प्रदेश प्रभारी और संगठन के दिग्गज नेता कई बार चर्चा कर नाम भी फायनल कर चुके हैं। विंध्य क्षेत्र में एक नेता ने अपनी राजनीतिक इच्छा पूरी करने एक-दो केंद्रीय मंत्रियों से भी नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की, ताकि लालबत्ती मिल सके।
लालबत्ती पाने के लिए भोपाल से दिल्ली तक गणेश परिक्रमा करने में जुटे नेता की सक्रियता देख क्षेत्र के कुछ नेताओं ने भी मुखालिफत का मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने कहा है कि दलबदलुओं को उपकृत करने से कार्यकर्ताओं में निराशा फैलेगी, लेकिन इन सबसे बेखबर नेताजी गाहे-बगाहे प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी डॉ विनय सहस्रबुद्धे और राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल के दरवाजों पर हाजिरी लगाने में पीछे नहीं रहते। जब दागी नेताओं को नवाजने के मामले में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान से सवाल किया तो उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
लालबत्ती के लिए दौड़-भाग देख पार्टी के ही लोग दागी नेताओं की पुरानी कारगुजारियों को भी खोज लाए हैं। वे इन बातों को पार्टी के सामने रखने के अलावा समाज के बीच भी वायरल करने में जुटे हंै, जिसमें कहा गया है कि हनुमना एवं रीवा के बाहर चूना पत्थर और बोल्डर की खदानों की रायल्टी जमा करने में ये नेता सरकार के डिफाल्टर रह चुके हैं।
रीवा के एक बैंक शाखा से भी डिफाल्टर का तमगा पा चुके हैं इतना ही नहीं उन्होंने अपने एक मित्र की साझेदारी में समीप के जंगल में रिसोर्ट भी खोला, लेकिन कुछ समय बाद उनकी नीयत डोल गई और उन्होंने पूरे रिसोर्ट पर ही कब्जा कर लिया। यह मामला भी सुर्खियों में रह चुका है। पार्टी के नेता उनके विरोधियों की शिकायतें सुन पार्टी के नेता हैरान भी हैं।