झाबुआ। अनपढ़ आदिवासियों के शोषण की कहानियां यहाँ चप्पे चप्पे पर बिखरी पड़ीं हैं, लेकिन अब वक़्त बदल रहा है. आज एक अनपढ़ आदिवासी ने घूसखोर डिप्टी रेंजर को न केवल पकड़वाया, उसके खिलाफ सबूत भी जुटाए और एंड्रॉयड तकनीक का बेहतर उपयोग किया.
झाबुआ के उमरी निवासी हीरा नरसिंह भूरिया के खेत के पास 4 मोर मृत अवस्था में मिले थे। इस मामले में वनपाल और प्रभारी डिप्टी रेंजर गवजी हटीला ने हीरा को केस में फंसाने की धमकी दी थी। केस नहीं बनाने के एवज में प्रभारी डिप्टी रेंजर ने आठ हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। बाद में पांच हजार रुपए पर सौदा तय हुआ था।
देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल झाबुआ अंचल के किसान ने सूझबूझ दिखाते हुए फोन पर हुई सारी सौदेबाजी को रिकॉर्ड कर लिया। उसने गुरुवार को इस रिकॉर्डिंग को पुलिस को सौंपा। एक दिन बाद ही एसपी अरुण मिश्रा ने विशेष टीम बनाकर रिश्वतखोर अफसरों को रंगे हाथों पकड़ लिया।