
सुबह 10 बजे बैठक शुरू होनी थी। मगर सवा बारह बजे तक परिषद दफ्तर में महापौर, पार्षदों और परिषद अध्यक्ष की कई दौर की गुप्त वार्ताएं चलीं। इस बीच भाजपा पार्षदों ने निंदा प्रस्ताव तैयार भी कर लिया। 42 ने हस्ताक्षर किए और प्रस्ताव परिषद अध्यक्ष के पास पहुंच गया। स्मार्ट सिटी पर चर्चा के बाद से परिषद में पेश किया जाना था।
नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस बीच मुख्यमंत्री सचिवालय के एक वरिष्ठ अफसर ने मुख्यमंत्री को सारे मामले की जानकारी दी। वहां से विधायकों को यह संदेश आया कि जल्द ही कमिश्नर का तबादला कर दिया जाएगा। इसलिए अब तूल न दिया जाए। विधायकों के तेवर ठंडे हुए। वे पार्षदों को समझाने में लग गए। जबकि महापौर ने कांग्रेस पार्षदों को राजी किया कि कमिश्नर के नाम कोई टिप्पणी न हो। उन्हें पार्षद निधि के सारे काम जल्दी करने का आश्वासन मिला। पूरे मामले में उनकी मदद के लिए महापौर ही सक्रिय रहे।