हरीश दिवेकर, भोपाल। जिला-जनपद पंचायतों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सरपंचों की नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार अब उन्हें 15 साल पुराने अधिकारों को वापस लौटाने की तैयारी कर रही है। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा इस मामले में अब तक संबंधित विभागों की दो बैठकें ले चुके हैं। कुछ विभाग तो पंचायतों को अधिकार वापस लौटाने पर सहमत हैं, लेकिन कुछ विभाग राजी नहीं है।
खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने तो बैठक में यह तक कह दिया कि यदि पंचायतों को फिर से राशन कार्ड से संबंधित अधिकार दिए जाते हैं तो इसमें भ्रष्टाचार होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इस पर मुख्य सचिव ने उनसे विस्तृत टीप बनाकर देने को कहा है। वहीं स्कूल विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने स्कूल भवन निर्माण और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव ने नामांतरण सहित अध्ािकांश अध्ािकार वापस लौटाने को तैयार है।
.......................
भ्रष्टाचार की शिकायतों पर वापस लिए थे अधिकार
राज्य सरकार ने 73वें संविधान संशोधन के तहत पंचायतों को 1995 में 24 विभागों के अध्ािकार दिए थे। इसके चलते जिला सरकार बनाकर उन्हें सारे अध्ािकार दे दिए थे, इनका दुरूपयोग होते देख तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के समय से इन अध्ािकारों को सरकार ने एक-एक कर प्रशासकीय आदेश निकालकर सभी अध्ािकार वापस लेना शुरू कर दिए। तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने जिला सरकार की अवध्ाारणा को ही समाप्त कर दिया था। इसके बाद से पंचायतों के जनप्रतिनिध्ाि अध्ािकार विहीन हो गए।
.....................
- एक नजर प्रमुख अधिकारों की वापसी पर
- स्कूल शिक्षा विभाग - स्कूल भवन बनाना, शिक्षा समितियां गठन करना, शिक्षकों-विद्यार्थियों की उपस्थिति जांचना, जिला-जनपद पंचायतों द्वारा नई नियुक्तियां की जाना।
- खाद्य विभाग - राशन कार्ड बनाना, बांटना, अन्न् कोष की स्थापना एवं रख रखाव करना।
- महिला एवं बाल विकास- आंगनवाड़ी, पोषण आहार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की नियुक्ति।
- राजस्व विभाग - जमीन नामांतरण, खेती सीमांकन में लापरवाही पर पटवारी तहसीलदार को दंड देना, कोटवारों की नियुक्ति, पटवारी के रिकॉर्ड की प्रति रखना।
- स्वास्थ्य विभाग- टीकाकरण का प्रचार, आशा कार्यकर्ताओं का चयन करना, ग्राम स्वच्छता के लिए 10 हजार देना सहित अन्य।
- आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग - स्कूलों में तबादले का अधिकार, उनका प्रबंधन एवं संचालन, स्कूल भवन निर्माण, स्कूलों में छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक एवं सामग्री देना, मध्यान्ह भोजन आदि।
- गृह विभाग- नगर रक्षा समिति का गठन और शांति सुरक्षा के लिए अमन समिति बनाना।
- वन विभाग - संयुक्त वन प्रबंधन, वनों में पेड़ काटने की अनुमति, वनोपज और लकड़ियों की जांच करना, चराई शुल्क की वसूली।
- कृषि विभाग - मैदानी कृषि अमले को अवकाश और दंड देने के अधिकार , 10 लाख तक की लघु सिंचाई योजनाओं के रख-रखाव, फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन, उन्न्त खेती बढ़ाने का तरीका, खेती के लिए अनुदान की मंजूरी आदि।
- खनिज विभाग - अवैध उत्खनन पर कार्रवाई, जनपद-जिला पंचायतों के अधिकार वाले क्षेत्रों में खदान आवंटित करने सहित अन्य अधिकार।
- खेल विभाग - अखाड़ा और खेल मैदान बनाना।
- पंचायत विभाग - वित्त आयोग की राशि को मंजूर करना, हर ग्राम के लिए सतर्कता समिति गठित करना, ग्राम पंचायतों की रिपार्टिंग, रोजगार आश्वासन योजना, इंदिरा आवास और स्वर्ण जयंती रोजगार योजना।
- समाज कल्याण - सामाजिक सुरक्षा पेंशन देना, हितग्राहियों को अनुदान देना।
- श्रम विभाग - बीड़ी कारखाना, सड़क बनाने और पत्थर तोड़ने में काम करने वाले श्रमिकों के अधिकार, उनके वेतन दावे की सुनवाई करना आदि।
- पशु पालन - पशु चिकित्सालय की स्थापना और उनसे संबंधित सभी कार्य।
- मछली पालन- 10 हेक्टेयर तक ग्राम पंचायत, 10 से 100 हेक्टेयर तक जनपद पंचायत, 100 से 1000 हेक्टेयर तक जलाशय बनाने के अधिकार जिला पंचायत को।