भोपाल। मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पद का विवाद न्यायालय पहुंच गया है। एक गुट के महामंत्री पीएल तिवारी ने दूसरे गुट के अध्यक्ष मनोज वाजपेयी के खिलाफ कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया है। कोर्ट ने छह धाराओं के तहत वाजपेयी को नोटिस जारी किया है।
मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश रीवा ने मनोज वाजपेयी सहित तीन अन्य को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि श्री वाजपेयी ने कूटरचित एवं फर्जी दस्तावेज तैयार कर धारा 27 की जानकारी सहायक पंजीयक कार्यालय में जमा कराई है तथा सहायक पंजीयक से धारा 27 की जानकारी मान्य कराकर वैद्य पदाधिकारी व सदस्यों को निष्कासित कर दिया। वहीं धारा 27 की सूची के आधार पर वाजपेयी ने पदाधिकारी बनकर अपराधिक कृत्य किया है।
न्यायालय ने श्री वाजपेयी की कार्यकारिणी के कार्यकारी अध्यक्ष बीपी तिवारी, सुरेश श्रीवास्तव को भी नोटिस जारी किया है। संघ के श्री मिश्रा का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाजपेयी स्वयं प्रांताध्यक्ष बन गए। उनके खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया है। वाजपेयी को संरक्षण देने वाले मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक के खिलाफ भी न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा।
यह है मामला
वर्ष 2013 में एमएल मिश्रा संगठन के अध्यक्ष बने हैं। उनका कार्यकाल फरवरी 2016 में पूरा होना है। वहीं वर्ष 2014 में मनोज वाजपेयी अध्यक्ष बन गए। उन्होंने रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी में धारा 27 एवं 28 की जानकारी सबमिट कर दी। इसके खिलाफ श्री मिश्रा ने रजिस्टार को अपील की। रजिस्ट्रार ने श्री वाजपेयी द्वारा प्रस्तुत धारा 27 की जानकारी को अवैध ठहरा दिया। इसबीच श्री मिश्रा गुट के महामंत्री श्री तिवारी ने श्री वाजपेयी के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश रीवा में परिवाद प्रस्तुत कर दिया।