
ओली ने स्वीकार किया कि नेपाल के दक्षिणी मैदान में पिछले चार महीनों से फैली अशांति के कारण वह अपने वादे पूरे नहीं कर पाए हैं।
नेपाल-भारत सीमा पर विरोध प्रदर्शनों के कारण सीमा के भारतीय हिस्से में नेपाल को जरूरी समानों की आपूर्ति देने वाले हजारों मालवाहक ट्रक अटके पड़े हैं, जिसके कारण नेपाल में दवाओं, ईंधन, खाद्यान्न और अन्य जरूरी चीजों की किल्लत हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि अगर नाकेबंदी जारी रहती है तो जल्द ही नेपाल में मानवीय संकट पैदा हो जाएगा।
नेपाल इसे भारत द्वारा लगाई नाकेबंदी बता रहा है, जबकि भारत के मुताबिक देश के नए संविधान के खिलाफ चार महीनों से मधेसियों के विरोध प्रदर्शन के कारण जरूरी सामान सीमा पार नहीं जा पा रहे हैं।
नेपाल के शिक्षाविदों ने रविवार को ओली को एक ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद उन्होंने कहा कि नेपाल को एक विकसित राष्ट्र बनाने की उनकी योजना खटाई में पड़ गई है। ओली ने कहा, 'प्रधानमंत्री बनने से जुड़े मेरे कई सपने थे।'
नेपाल को नाकेबंदी के साथ ही 25 अप्रैल को आए भारी भूकंप की त्रासदी भी झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद नेपाल की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आई थी। ओली ने कहा, 'देश को भूकंप और नाकेबंदी के कारण झटके पर झटके झेलने पड़े हैं।'