बुरहानपुर। जिले की सबसे प्रमुख केले की फसल पर भी इन दिनों ग्लोबल वार्मिंग का असर देखने को मिल रहा है. यहां केले की फसल पेड़ों पर ही पक रही है और बाजार में भी उचित भाव नहीं मिलने से पा रहे हैं. जिसके चलते किसान खुद ही फसलों को नष्ट में लगे हैं.
किसान सुधीर महाजन ने बताया कि, जिले में केले की फसल के इन दिनों बुरे हाल हैं. तापमान 10 डिग्री से कम पहुंच जाने से केले पेड़ों पर पक रहे हैं. जिससे फसल को ज्यादा दिनों तक नहीं रखा जा सकता और न ही उनका परिवहन किया जा सकता. वहीं, बाजार में केले की मांग नहीं होने से मंडी में भाव बिल्कुल न्यूनतम स्तर पर आ गए हैं.
केला उत्पादक किसान ने बताया कि, पिछले साल इन्ही दिनों में केला 1500 रुपए से लेकर 1800 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा था. जबकि इस साल 101 रुपए 500 रुपए क्विंटल भाव मिल रहे हैं. इससे किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है. लिहाजा, किसान खेत में ही केला काटकर फेंकने को मजबूर है. किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
दरसअल, केले के काफी कम दाम मिलने से गुस्साए किसान कृषि उपज मंडी के नीलाम हॉल रोज पहुंचकर अपने गुस्सा का इजहार कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि मंडी प्रशासन व व्यापारियों की मिली भगत से केले के काम दाम किए जा रहे हैं.
उधर, केले के व्यापारी किसानों के आरोपो को नकार रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि उत्तर भारत में अन्य फलों की अधिक आवक के चलते और मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र के अलावा अब अन्य प्रदेशों में भी केला उत्पादन से बुरहानपुर मंडी से केले की मांग घटी है.