भोपाल। खंबे पड़े है तो गढ़े नहीं है। जहां गढ़े हैं उन पर बिजली की तार नहीं है। जिन गांवों मेंं लाइन भी डली है तो उनमें करंट नहीं है। एक गांव में तो बिना बिजली के ही छह माह से बिजली के बिल आ रहे हैं। विधानसभा में शुक्रवार को कुछ इन्ही शब्दों के साथ छतरपुर विधायक श्रीमती ललिता यादव ने अपने क्षेत्र के गांवों की बिजली समस्या को रखा। उन्होंने पड़रिया पंचायत का हवाला देते हुए बताया कि यहा अभी लाइन चालू नहीं है, बावजूद इसके ग्रामीणों के पास पिछले छह माह से लगाता बिजली के बिल आ रहे हैं।
सदन में उठाए गए सवाल के जवाब में उर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल की अनुपस्थिति में आदिम जाति कल्याण मंत्री ने ज्ञान सिंह ने कहा कि वह इस मामले का परीक्षण करा लेंगे।
गलत उत्तर दिया जाता है
मामले में मंत्री के लिखित जबाव को लेकर श्रीमती यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि प्रश्न का लिखित उत्तर पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि वह चाहेंगी कि उनके प्रश्न के उत्तर में गलत तथ्य देने के मामले की जांच कराई जाए। दर असल लिखित उत्तर के संलग्न परिशिष्ट में कहा गया था कि छतरपुर में ऐसा कोई गांव, मजरा,टोला नहीं है जहां बिजली की व्यवस्था न हो।
मैं अपनी बात रखने में सक्षम
श्रीमती ललिता यादव द्वारा प्रश्न उठाए जाने के बाद कई अन्य विधायकों ने उनकी बात का समर्थन किया। अन्य विधायक इस मामले में बिजली कंपनी की लापरवाही उजागर करने लगे। अन्य सदस्यों के बोलने पर श्रीमती यादव ने उन्हें शांत कराया। कहा कि वह अपनी बात को रखने में सक्षम है।