सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। फर्जी टीपी और लकडी के अवैध कटाई के मामले में पुलिस की जांच के घेरे में आये कलेक्टर व्ही किरण गोपाल की मुश्किले कम होती दिखाई नही देती। इस मामले की जांच कर रही एसआइटी उनके बैंक खातों की भी जांच करेगी अबतक हुई जांच में एसआइटी को छत्तीसगढ के राजनांदगांव से लगभग 8 लाख 50 हजार रूपये के 24 लटठा सागौन की लकडी कलेक्टर के गृह निवास तक परिवहन किये जाने के साक्ष्य हाथ लगें है। पुलिस सूत्रों एवं स्वयं कलेक्टर के कथनानुसार इसका भुगतान उन्होने आनलाइन किया है।
कान्हा नेशनल पार्क के बफरजोन क्षेत्र में जहां पेडों की कटाई पर बंदिश लगी हुई है वहां से 2799 पेडों की अवैध कटाई किये जाने का पता चला है।बैहर के एडीएम कोर्ट से 36 आदिवासियों को लकडी कटाई की अनुमति प्रदान की गई जिसके जरिये 15660 इमारती लकडियों के लटठे कटवाये गये जप्तशुदा लकडियों का बाजार मूल्य लाखों मंे आकां जा रहा है।
वनमाफियाओं द्वारा कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में की गई अवैध कटाई को रोकने के लिये प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्यवाही किये जाने का उल्लेख किया था पत्र में एडीएम बैहर द्वारा पेडो की कटाई की अनुमति दिये जाने की रोक लगाने की मांग भी की थी मई 2015 में भेजे गये इस पत्र की प्राप्ति के बावजूद कटाई रोकना तो दूर 7 महिनों के अंतराल में 6 प्रकरणों में पेड कटाने के आदेश जारी किये गये।
यह उल्लेखनीय है कि इस अंधाधूध कटाई के चलते बहुमूल्य इमारती सागौन के ऐसे पेड भी काट दिये गये जिनकी उम्र 100 साल से भी अधिक रही है काटे गये पेड के बचे ठुट इस बात की गवाही दे रहे हैं। रिपूदमनसिंह डीप्टी डायरेक्टर कान्हा टाइगर रिजर्व के अनुसार कान्हा टाइगर रिजर्व में पेडों की कटाई के मामलों में प्रशासन को अवगत कराते हुये पत्र लिखा गया था जिसमें बफर जोन में पेडों की कटाई से वन्य प्राणियों और पर्यावरण की सुरक्षा को खतरा बताया गया था पत्र लिखे जाने के बाद भी पेडों की इतने व्यापक पैमाने पर कटाई किया जाना चिंता का विषय है।