
केंद्र सरकार पूंजीपतियों के वकील की तरह काम कर रही है. कांग्रेस ने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी. मेक इन इंडिया पर हमारे विचार अलग हैं. इंटक को मजदूरों के हित को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस में उचित सम्मान के साथ मंत्रिमंडल में भी जगह दी जायेगी. उन्होंने कहा कि श्रमिकों की रक्षा के लिए आगे आने की जरूरत है. कांग्रेस ने खाद्य सुरक्षा सहित भूमि अधिग्रहण बिल लाकर मजदूरों का हित किया.
श्रमिक संगठनों का अधिकार छीन रही सरकार :
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ़ जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस और इंटक का मां-बेटे का रिश्ता है. कांग्रेस ने मजदूरों के हित में श्रमिक संगठनों को अधिकार दिया. केंद्र सरकार इस अधिकार को छीनकर मजदूरों के शोषण पर तुली है. वर्तमान में मजदूर गुलामी जैसा महसूस कर रहे हैं. श्रमिक सुरक्षा चिंता का विषय : पूर्व मंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में विकास की परिभाषा बदली जा रही है.
समाज के कमजोर लोगों के जीवन में सुधार ही देश का विकास है. मशीनीकरण के दौर में मजदूरों को कैसे सुरक्षित रखा जाये, यह चिंता का विषय है.
इन्होंने भी किया संबोधित :
ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, ऑस्कर फर्नांडिस, केरल के गृहमंत्री रमेश चेनीथला, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अघ्यक्ष अमरेंद्र सिंह ने मजदूरहित में आंदोलन की बात कही.
कार्यक्रम में उपस्थित :
अधिवेशन में इंटक के बिहार अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, बंगाल के रामेन पांडेय, महाराष्ट्र के वेदप्रकाश छाजेज, ओड़िशा के रामचंद्र खुटिया, इंटक के खजांची केएस नयर, वाइस प्रेसिडेंट एम रागवया, इजे राजू, श्रीमती वीणा सिंह सहित झारखंड के एके झा, ओपी लाल, मन्नान मल्लिक, गिरिजा शंकर पांडेय, राणा संग्राम सिंह, सुरेश चंद्र झा, लीलाधर सिंह, श्यामल सरकार, महेंद्र कुमार विश्वकर्मा, अजय सिंह, मुरारी सिंह, बैजनाथ सिंह, परवेज अख्तर सहित सभी राज्यों के इंटक अध्यक्ष व डेलीगेट उपस्थित थे.
अधिवेशन के दूसरे सत्र में डेलीगेट सेंशन हुआ. प्रस्ताव पर बहस के बाद सर्वसम्मति से पारित किया गया. अधिवेशन के अंतिम दिन रविवार को इंटक की नयी कार्यकारिणी समिति का चुनाव होगा.