ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकर भी नोटंकी करने व करवाने मे माहिर हो गयी है | सत्ताधारी दल को यह संस्कार दिए गए है कि वरिष्ठ लोगों को किनारे कर अपमानित किया जावे | व कनिष्टों को सम्मान देकर वरिष्टों को अपमानित करने के लिए उकसाया जावे | देश पिछले दो वर्ष से देख रहा है कि श्री आडवानी जी जैसे पितृ पुरूष की पार्टी व केंद्र सरकार वेइज्जती कर रही है | यही हाल म०प्र मे शिवराज सिंह मुख्यमंत्री के पद पर रह कर “शिक्षक संवर्ग “ ( सहायक शिक्षक, शिक्षक , प्र.अ. प्राथमिक / माध्यमिक शाला व व्याख्याता ) के साथ कर रहे है |
बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण स्तिथि है कि “शिक्षक संवर्ग “ ( सहायक शिक्षक, शिक्षक , प्र.अ. प्राथमिक / माध्यमिक शाला व व्याख्याता ) को शिवराज सिंह सम्मान नहीं दे सकते है | इसमे प्रदेश सरकार को कोई वित्तीय भार नहीं आवेगा |आखिर व्यक्ति के संस्कार कहीं न कहीं प्रकट हो जाते है | भले ही आप हजारों – लाखों की भीड़ मे लच्छेदार बातें कर जनता को संवेदना व्यक्त कर वाह वाही लूटते हो | कर्म तो मात्र गुमराह करने का है | एक सहायक शिक्षक साठ वर्ष की उम्र मे तीस –पैतींस वर्ष की नोकरी कर वेतनमान व योग्यता अनुसार पद नाम मांग रहा है | वह आप नहीं दे रहे है | लटकाने के लिए गुमराह किया जा रहा है | सहायक शिक्षक का पद राष्ट्रपति जैसा हो गया है | जिस पद पर नियुक्त हुआ उसी पद से सेवानिवृत हो रहा है | इससे अच्छा तो सहायक शिक्षक का पद नाम परिवर्तित कर “म.प्र. का राष्ट्रपति” कर दिया जावे | कुछ तो सहायक शिक्षकों को सम्मान मिलेगा |
सरकार व भाजपा को शर्म आनी चाहिए कि “शिक्षक संवर्ग “ ( सहायक शिक्षक, शिक्षक , प्र.अ. प्राथमिक / माध्यमिक शाला व व्याख्याता )के सम्मान के साथ इस प्रकार खिलवाड़ कर रहे है | इनके परिवार मे बड़े भाई बहन व माता पिता है | उनको किस तरह सम्मान देते होंगे |
“शिक्षक संवर्ग “ ( सहायक शिक्षक, शिक्षक , प्र.अ. प्राथमिक / माध्यमिक शाला व व्याख्याता )इस बात को अच्छी तरह समझ चुका है कि भाजपा व शिवराज के रहते हुए उनको सम्मान नहीं मिल सकता है | एवम वह साठ वर्ष कि उम्र मे इनका कुछ नहीं कर सकता है |किन्तु अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र है |देश व प्रदेश की जनता देख रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह “शिक्षक संवर्ग “ ( सहायक शिक्षक, शिक्षक , प्र.अ. प्राथमिक / माध्यमिक शाला व व्याख्याता ) के साथ किस प्रकार भेदभाव कर रही है | एक सहायक शिक्षक जिसकी योग्यता स्नाकोत्तर , बी.एड. पी.एचडी.है | वेतन प्राचार्य के समान प्राप्त कर रहा है |किन्तु पद नहीं देकर खुलेआम वेइज्जत किया जा रहा है |
“शिक्षक संवर्ग “ ( सहायक शिक्षक, शिक्षक , प्र.अ. प्राथमिक / माध्यमिक शाला व व्याख्याता ) वेतनमान व योग्यता के अनुसार पदनाम की मांग कर रहा है |जो नहीं दिया जा रहा है |
प्रदेश सरकार आम जनता को विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से अवगत करती है सरकार का खजाना खाली है |सभी खर्चों पर रोक लगा दी गयी है |किन्तु शिक्षक संवर्ग “ ( सहायक शिक्षक, शिक्षक , प्र.अ. प्राथमिक / माध्यमिक शाला व व्याख्याता )को योग्यता व वेतनमान अनुसार पदनाम देने मे तो सरकार व भाजपा का सम्मान ही खर्च करना पड़ेगा |क्या इनके पास सम्मान का खाजना भी खाली हो गया |
- एक अपमानित शिक्षक