भोपाल। आदिवासी नेता व मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी रखते हुए कह दिया है कि पार्टी उन्हें या तो केंद्र सरकार में एडजस्ट (मंत्री बनाए) करे या फिर प्रदेश की जिम्मेदारी दे। पार्टी में उपेक्षित चल रहे कुलस्ते ने यह दावा तीसरी बार किया है।
दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष पद के अन्य दावेदारों ने भी दिल्ली में सक्रियता बढ़ा दी है। अभी तक पार्टी के एक धड़े की ओर से यही संकेत दिए जा रहे हैं कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को एक और कार्यकाल दिया जा सकता है। बहरहाल, सियासी घमासान के बीच थावरचंद गेहलोत, प्रभात झा, कैलाश विजयवर्गीय, कृष्ण मुरारी मोघे समेत कुछ और नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों के साथ जोड़ जाने लगे हैं। जनवरी में प्रदेश अध्यक्ष का चयन होने की संभावना है। इसलिए दावेदारों ने दिल्ली में अभी से सक्रियता बढ़ा दी है। इधर, कुलस्ते ने कहा कि उन्होंने अपनी मंशा से राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अवगत कराया है।
राजनीतिक मायने इस समय मप्र में 17 फीसदी अनुसूचित जाति और 22 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। भाजपा में अजा से थावरचंद गेहलोत तो केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन फग्गन सिंह, सांसद दलपत सिंह परस्ते, सांसद ज्योति धुर्वे व सांसद सुभाष पटेल समेत अन्य आदिवासी नेता किसी बड़े पद पर नहीं पहुंचे। हाल ही में झाबुआ-रतलाम सीट हारने के बाद भाजपा आदिवासी क्षेत्रों में फिर पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।