
जिला और मंडलों में संगठन पर बढ़ते विधायकों के 'असर" को कम करने के लिए पार्टी ने यह कवायद शुरू की है। पिछले कुछ समय से पार्टी के दिग्गज नेताओं ने यह महसूस किया कि निचले स्तर पर संगठन पर विधायकों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। मंडल और जिलाध्यक्ष पद पर उनके खास समर्थक ही बन बैठे जो पार्टी के बजाए अपने नेता का हित साधने को ज्यादा तवज्जो देने लगे। इससे पार्टी में गुटबाजी की शिकायतें सामने आने लगीं। पार्टी हाईकमान ने इसके बाद संगठन को विधायकों के हाथ से निकालने की कवायद शुरू कर दी।
भोपाल से होगा ऐलान
प्रदेश संगठन की ओर से सभी चुनावी पर्यवेक्षकों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि सभी पक्षों से रायशुमारी और समन्वय के बाद 3 नामों का पैनल तैयार कर प्रदेश कार्यालय भेजें। यह भी आवश्यक नहीं कि अध्यक्ष का नाम पैनल में से ही तय होगा, पार्टी चाहेगी तो नया नाम भी घोषित किया जा सकता है। मंडल और जिला अध्यक्ष कौन बनेगा यह भोपाल से ही निर्धारित होगा।
समझाई पार्टी की मंशा
बीजेपी के संगठन चुनाव के तहत शनिवार को ज्यादातर जिलों में मंडल अध्यक्षों के लिए रायशुमारी शुरू की गई। रविवार को भी यह प्रक्रिया चलेगी।
इसके बाद अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। भोपाल के लिए चुनाव अधिकारी बनाए गए सांसद राकेश सिंह के स्थान पर पार्टी ने प्रदेश महामंत्री अरविंद भदौरिया को रायशुमारी व बैठक लेने के लिए भेजा। उन्होंने सह चुनाव अधिकारी हरिशंकर जायसवाल के साथ रायशुमारी की। साथ ही राजधानी के पदाधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में पार्टी की मंशा भी समझा दी। पार्टी का यह संदेश प्रदेश के सभी जिलों में भेजा जा चुका है।