
देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ व आसपास के क्षेत्र में जून 2013 में आये जल प्रलय में पूरी केदार घाटी तहस-नहस हो गयी थी। उसी दौरान भारत सरकार और विभिन्न प्रदेशों की सरकारों के साथ-साथ दर्जनों सांसदों ने भी अपनी सांसद निधि से राहत राशि देने की घोषणा की थी। ऐसे लोगों में तत्कालीन केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीएल पुनिया, सांसद राज बब्बर, यशवंत सिन्हा, अनंत कुमार जैसे दिग्गज नेता भी शामिल थे। इन सभी ने उस वक्त अपनी सांसद निधि से उत्तराखंड को राहत राशि देने की घोषणा की थी। किसी ने 50 लाख तो किसी ने 25 या 10 लाख देने की घोषणा की थी। यह सभी राशि आपदा प्रभावित रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के खाते में भेजी जानी थी।
रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन को घोषणा करने वालों की सूची भी भेज दी गयी थी। हाल ही में उस सूची का वैरीफिकेशन कराया गया तो चौंकानेवाली जानकारी सामने आयी। पता चला कि पंद्रहवीं लोकसभा व राज्यसभा के 47 सांसद ऐसे हैं, जिनके द्वारा अपनी निधि से घोषित की गयी राशि आज तक प्राप्त नहीं हुई।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को पत्र भेजकर इसकी सूचना दी। मंत्रालय ने जांच करायी तो इस बात की पुष्टि हो गयी कि 47
तत्कालीन सांसदों की निधि की राहत राशि आज तक नहीं पहुंची है। उसी के बाद मंत्रालय ने सभी 47 सांसदों (जिनमें से बड़ी संख्या में अब पूर्व सांसद हो चुके हैं) के क्षेत्र के संबंधित
जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
- मप्र के तत्कालीन सांसद
- अरुण सुभाष यादव 5 लाख
- बसोरी सिंह मेश्राम 10 लाख
- गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी 10 लाख
- ज्योतिरादित्य सिंधिया 10 लाख
- कांतिलाल भूरिया 10 लाख
- सज्जन सिंह वर्मा 10 लाख
- शैलेन्द्र कुमार 10 लाख
भारत सरकार के सचिव चंद्र मोहन नेगी का कहना है कि सांसद निधि के यह 615 करोड़ रुपये कहां हैं और पीड़ितों तक यह राशि अब तक क्यों नहीं पहुंची, इसकी जांच करायी जा रही है।