
सूत्रों के मुताबिक, आरती नाम की महिला कैदी के मेडिकल परीक्षण में गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। जेल अधिकारियों के मुताबिक, आरती को जेल में लाने के दौरान उसकी गोद में 11 महीने का बच्चा था। इस वजह से उसके गर्भवती होने की आशंका किसी को नहीं थी। आरती की प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट में भी उसे सामान्य बताया गया था।
आरती 6 अक्टूबर को जेल में दाखिल हुई थी। अक्टूबर महीने के आखिरी सप्ताह में जेल में नियमित मेडिकल परीक्षण के दौरान जिला अस्पताल की डॉक्टर संगीता भारती को आरती के गर्भवती होने का संदेह हुआ। उन्होंने तत्काल जेल अधिकारियों की जानकारी में यह मामला लाया।
जेल अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला प्रहरी की मदद से आरती की सोनोग्राफी कराई। सोनोग्राफी जांच के दौरान आरती के पांच महीने की गर्भवती होने का खुलासा हुआ। लापरवाही उजागर होने के बाद जेल प्रबंधन ने मामले को काफी दबाने की कोशिश की, लेकिन कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव तक किसी अज्ञात शख्स ने सूचना पहुंचा दी। कलेक्टर ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला जेल के प्रभारी उप अधीक्षक जेपीएस यादव और डॉ. भारती को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं।