भोपाल। सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को स्मार्ट फोन देने की योजना सरकार इसी सत्र से लागू करेगी। इसके लिए टेंडर में जो विसंगतियां थीं, उन्हें दूर कर लिया गया है। पिछले सत्र के छात्रों को भी स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। इसके लिए 75 फीसदी हाजिरी जरूरी होगी। ये आश्वासन उच्च शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने गुरुवार को विधानसभा में दिया। पिछले और मौजूदा सत्र को मिलाकर करीब 3 लाख 10 हजार छात्रों को स्मार्ट फोन मिलेंगे।
दूर कर ली विसंगति
बासौदा विधायक निशंक कुमार जैन ने प्रश्नकाल के दौरान स्मार्ट फोन को लेकर वादाखिलाफी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में स्मार्ट फोन बांटे जाने थे लेकिन अभी तक किसी भी कॉलेज में इनका वितरण नहीं हुआ। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री जोशी ने बताया कि टेंडर में कुछ विसंगति थी, इसलिए फोन नहीं बांटे जा सके। मौजूदा सत्र से फोन बांटना शुरू कर दिया जाएगा। 75 प्रतिशत से अधिक हाजिरी वाले छात्रों को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे।
सैंतीस करोड़ का बजट
हर्ष यादव के सवाल के लिखित जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि 2015-16 में स्मार्ट फोन के लिए 47 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट रखा है। पहले टेंडर में मेसर्स मिलेनियम आटोमेशन एण्ड सर्विसेस लिमिटेड, नई दिल्ली और मेसर्स नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन लिमिटेड अमृतसर ने हिस्सा लिया था। इसमें समस्या सामने आने पर दोबारा टेंडर निकाले गए थे।
इसमें मेसर्स मिलेनियम आटोमेशन एण्ड सर्विसेस लिमिटेड, नई दिल्ली, मेसर्स नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन लिमिटेड अमृतसर के साथ मेसर्स कार्वी डाटा मैनेजमेंट सर्विसेस लिमिटेड, हैदराबार ने भाग लिया। फोन खरीदी की शर्तें तय करने सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। निविदा प्रक्रिया नियमों के अनुसार हुई है, इसलिए शर्तों में हेराफेरी का सवाल ही पैदा नहीं होता है।