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| यह फोटो लोकायुक्त की कार्रवाई के समय का है |
जबलपुर। सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पैसे जारी किए, बीआरसी ने उस पैसे से लग्झरी गाड़ियां किराए पर लीं और निरीक्षण के नाम पर यहां वहां खूब घूमें। दस्तावेज बताते हैं कि प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए मात्र किराए और डीजल पर खर्चा कर डाला। याद दिला दें कि यह वही बीआरसी हैं जिन्हे नारायणपुर बरगी में पदस्थ सहायक शिक्षक कैलाश उइके से 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।
2010 से लेकर 2012 तक जबलपुर के पाटन इलाके में मुकेश श्रीवास्तव को ब्लॉक रिसोर्स कॉर्डिनेटर (बीआरसी) बनाया गया था। इस दौरान उन्हें स्कूलों का निरीक्षण करने और शिक्षा स्तर सुधारने की जिम्मेदारी दी गई थी।
आरोप है कि इस जिम्मेदारी का फायदा उठाते हुए निरीक्षण के नाम पर बीआरसी मुकेश श्रीवास्तव ने लग्जरी गाड़ियां किराए पर ली। जिनका बिल लगाकर उन्होंने सरकारी खाते में से हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपए निकलवाए।
घोटाल तब सामने आया जब ईओडब्लू सत्येन्द्र शुक्ला ऐसे ही एक दूसरे मामले की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें इसकी जानकारी मिली। जब जांच की गई तो हर महीने इतनी बड़ी रकम निकाले जाने का रिकॉर्ड देखकर वो भी हैरान रह गए।
सत्येन्द्र शुक्ला ने बताया कि मामला उजागर होने के बाद उन्होंने शिक्षा विभाग से इससे संबंधित पूरी जानकारी मांगी है। इसके बाद मुकेश श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी।
