भोपाल। लोग कितनी भी दलीलें दें, कानून भले ही कुछ भी बना लें, परंतु दुनिया अंतत: हिन्दुओं की प्राचीन परंपराओं के सामने सिर झुका ही देती है। हिन्दुओं में सगोत्रीय विवाह वर्जित है परंतु लोग दलील दिया करते थे कि यह दकियानूसी बातें हैं, कानून भी सगोत्रीय विवाह को प्रतिबंधित नहीं करता, लेकिन अब मेडिकल साइंस ने भी यह मान लिया है कि सगोत्रीय विवाह सर्वाधिक नुक्सानदायक होता है। इसके बाद पैदा होने वाले बच्चों में कई तरह की जन्मजात विकृतियां होतीं हैं और वो जीवनभर उसका शिकार रहते हैं।
मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हास्पिटल की डॉ.हेमा पटेल ने इसे स्वीकार किया है। वे गुरुवार को यहां चिरायु मेडिकल कॉलेज में बहरापन दूर करने के लिए कॉक्लियर इंप्लांट तकनीक के बारे में बता रही थीं। उन्होंने बताया कि मेडिकल साइंस ने इस बात को मान लिया है और डॉक्टर नजदीकी रिश्तेदारों के बीच विवाह की सलाह नहीं देते।