नई दिल्ली। सरकार द्वारा तैयार दिशानिर्देशों के मसौदे के अनुसार, एक बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र में उसके ‘दलित’ होने का जिक्र किया जा सकता है। इसके अलावा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों के लिए जाति और अधिवास प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
प्रवेश के लिए आवेदन और केंद्र सरकार के तहत सेवाओं के लिए जाति या अधिवास प्रमाणपत्र हासिल करने में एससी और एसटी अभ्यर्थियों को आने वाली दिक्कतों के संबंध में केंद्र को समय समय पर अभिवेदन मिलते रहे हैं। कोई व्यक्ति किसी विशिष्ट राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का निवासी है इसे प्रमाणित करने के लिए उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के संबंधित अधिकारी अधिवास प्रमाणपत्र जारी करते हैं।