इंदौर। शायद इसी तरह के डॉक्टरों को देखकर किसी ने उन्हें भगवान का दूसरा रूप कहा होगा। डॉ. भरत वाजपेयी ने पिछले 9 साल से एक भी छुट्टी नहीं ली है। यहां तक कि बेटे की शादी के रोज भी वो नौकरी पर थे और एक मरीज का आॅपरेशन कर जान बचा रहे थे। फिर 2 शवों का पोस्टमार्टम किया और सबसे लास्ट में अपने बेटे की बारात में शामिल भी हुए।
इसे पेशे के प्रति अटूट समर्पण के अलावा क्या कहा जा सकता है कि डॉ. वाजपेयी पिछले 9 साल के कोई भी छुट्टी लिए बगैर अब तक करीब 8,000 पोस्टमार्टम कर चुके हैं। रविवार को उनकी जिंदगी का सबसे अहम दिन था, जब उनका बेटा शादी कर जिंदगी का नया सफर शुरू कर रहा था।
शादियों की तैयारियों के बीच शव परीक्षण
परिवार में खुशियों की इस सबसे बड़ी घड़ी में भी डॉ. वाजपेयी अपना फर्ज पूरा करने से नहीं चूके। उन्होंने शादी की तैयारियों और बेटे के घोड़ी चढ़ने के बीच किसी तरह तारतम्य बैठाते हुए दो शवों का पोस्टमार्टम किया।
रविवार को शहर के हातोद में एक व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, जबकि सदर बाजार इलाके में भी एक युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में दम तोड़ दिया था। मेडिको लीगल केस होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम होना जरूरी था। इस वजह से डॉ. वाजपेयी ने बेटे की शादी की रस्म शुरू होने से पहले जिला अस्पताल पहुंच कर अपनी ड्यूटी पूरी की और फिर शादी समारोह में शामिल हो गए।
बगैर छुट्टी लिए काम करने का रिकॉर्ड
इंदौर के जिला अस्पताल के फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. भरत वाजपेयी को बगैर अवकाश लिए लगातार काम करते 6 नवंबर को पूरे 9 साल हो हो गए। डॉ. भरत वाजपेयी ने बिना छुट्टी लिए लगातार काम करने का कीर्तिमान कायम किया है।
गोविंद वल्लभ पंत जिला अस्पताल में 6 नबंवर 2006 में पोस्टमार्टम विभाग की शुरूआत की गई थी और डॉ. वाजपेयी को प्रभारी बनाया गया था। तब से अब तक डॉ. वाजपेयी ने एक दिन की भी अवकाश नहीं लिया है।
इस मामले में भी नंबर-1
जिला अस्पताल का शव परीक्षण गृह मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की शायद सबसे छोटी फॉरेंसिक मेडिसिन इकाई है, जिसे अक्टूबर 2011 में सूबे की पहली कम्प्यूटरीकृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देने का गौरव भी हासिल है। 55 वर्षीय सरकारी सर्जन बताते हैं कि पिछले 8 सालों के दौरान ऐसे कई मौके आए, जब उनकी अगुवाई वाली तीन सदस्यीय टीम ने कलेक्टर की इजाजत पर रात को भी पोस्टमॉर्टम किया।
रिकॉर्ड बुक में शामिल
शासकीय सेवा के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए मार्च 2011 में उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। 8 साल में 8000 शवों का परीक्षण डॉ. वाजपेयी की इच्छा है कि वर्ल्ड हार्ट डे, वर्ल्ड डॉक्टर डे की तरह वर्ल्ड फोरेंसिक डे भी मनाया जाए।
सम्मान का ऐलान कर भूल गई सरकार
शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान विधानसभा में स्वास्थ्य राज्यमंत्री महेंद्र हार्डिया ने डॉ. वाजपेयी को सम्मानित करने का संकल्प पारित किया था। भोपाल में सम्मान होना था, लेकिन समय के साथ शासन अपना संकल्प भूल गया लेकिन डॉ. वाजपेयी अपनी ड्यूटी नहीं भूले। वह निरंतर अपनी सेवा में लगे हुए है।