भोपाल। रतलाम-झाबुआ में कड़ी मेहनत और पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद मिली करारी हार के बाद अब शिवराज सिंह गुस्से में हैं। वो मीठी मीठी बातों पर पहले की तरह मुस्कुरा नहीं रहे। अब वो बस काम चाहते हैं, जो काम करके दिखाएगा, उसे ही कुछ मिल पाएगा। इसी के साथ निगम मंडलों की बची हुई नियुक्तियां और मंत्री मंडल का विस्तार अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
रतलाम हार की गूंज दिल्ली तक साफ सुनी जा सकती है। बिहार चुनाव हारने के ठीक बाद रतलाम सीट हारना दिल्ली में बैठे आलाकमान को भी नागवार गुजरा है। आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष से नाराजगी जता चुका है। सूत्रों की मानें, तो जल्द ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली तलब किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हार के सभी कारणों पर रिपोर्ट देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने रतलाम-झाबुआ चुनाव में 15 मंत्रियों, 12 सांसदों और 51 विधायकों को चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा था।
नाराज हैं शिवराज
रतलाम संसदीय उप चुनाव में पानी की तरह पैसा बहाने के बाद ही नतीजा मनमुताबिक न आने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खासे नाराज हैं। उनकी नाराजगी गुरुवार को उज्जैन में सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष के पदभार ग्रहण समारोह में भी देखने को मिली। मंच पर शिवराज ने किसी से भी बात नहीं की। सिर्फ इतना कहा कि वे अब काम चाहते हैं, बातें नहीं। इशारा साफ था कि अब काम करो या कुर्सी खाली करो। सूत्रों की मानें, तो शिवराज ने रतलाम जिले के पदाधिकारियों के साथ भी बात कर हार के कारणों की समीक्षा की है।